Srinagar: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में शुरू किया गया अतिक्रमण विरोधी अभियान बीजेपी सरकार के लिए लोगों पर ‘‘जुल्म ’ करने और उन्हें उनके घरों से उखाड़ फेंकने का नया ‘हथियार’ है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए इस 'हमले' के खिलाफ लड़ने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया.


अतिक्रमण विरोधी अभियान को जुल्म का नया हथियार बताया 


पीडीपी नेता ने आरोप लगाया कि जम्मू और कश्मीर के लोगों को सताने और उन्हें उनके घरों से उखाड़ने के लिए बीजेपी सरकार के पास यूएपीए, पीएसए, एनआईए, ईडी और अन्य एजेंसियां ​​हैं उसी तरह के लिए यह एक नया हथियार है जिसका उपयोग कर रही है. उन्होंने दावा किया कि नहीं तो चीन ने हमारी 20,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है, सरकार को पहले वह जमीन वापस लेने दीजिए. पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत जिन लोगों को निशाना बनाया गया उनमें से कुछ के पास महाराजा हरि सिंह के समय से यहां जमीन थी जैसे कि होटल नेडस. 


लोगों से आगे आने और मुद्दों को उठाने का किया आह्वान 


उन्होंने आरोप लगाया कि पहले उन्होंने (केंद्र ने) हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक खाई पैदा की, फिर गुर्जरों और बकरवालों और शियाओं और सुन्नियों के बीच. अब, वे यह कहकर अमीरों और गरीबों के बीच एक खाई पैदा कर रहे हैं कि वे अमीरों के खिलाफ काम कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि गरीबों के घरों को तोड़ा जा रहा है. यह पूरी तरह से गलत है और मैं यहां के लोगों से अनुरोध करती हूं कि देखें कि लद्दाख और कारगिल के लोग कैसे एकजुट हुए हैं. जब तक कश्मीर और जम्मू के लोग एकजुट नहीं होंगे, तब तक हम इस हमले से नहीं लड़ पाएंगे  मूकदर्शक मत बनें ,आगे आएं और मुद्दों को उठाएं.


राजभवन और बादामी बाग छावनी पहले खाली कराएं


पीडीपी प्रमुख ने कहा कि श्रीनगर में राजभवन और बादामी बाग छावनी क्षेत्र राज्य की जमीन पर बने हैं और उन्हें पहले खाली किया जाना चाहिए. उन्होंने सवाल किया कि  गवर्नर हाउस और बीबी छावनी कहां है? अगर वे कह रहे हैं कि वे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ (अभियान) शुरू कर रहे हैं, तो इसे गवर्नर हाउस और बीबी छावनी से शुरू करें. वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं ?


जम्मू-कश्मीर में भ्रष्ट तंत्र का हिस्सा है अभियान


पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि यह अभियान जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार वाले तंत्र का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मैं आपको बड़ी जिम्मेदारी के साथ बताना चाहती हूं कि यह भ्रष्टाचार का हिस्सा है. वे अमीरों से पैसा और गरीबों से वोट लेना चाहते हैं. वे गरीबों को मजबूर करना चाहते हैं ताकि उन्हें बीजेपी कार्यालय में बुलाया जाए और पार्टी के समर्थन के लिए कहा जाए. अमीरों को एक खास अधिकारी से मिलने के लिए कहा जाता है. 


ये भी पढ़ें : Jammu Kashmir: जेल विभाग के तीन अधिकारियों को समय से पहले रिटायर करने का आदेश, लगे हैं गंभीर आरोप