Jammu Kashmir News: धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में कड़ाके की ठंड जारी है. घाटी में तापमान लगातार गिरता जा रहा है. इस बीच अब मौसम विभाग ने कश्मीर में एक बार फिर बर्फबारी की आशंका जताई है. कश्मी में बुधवार से एक के बाद एक कुल दो बार पश्चिमी विशोभ का प्रभाव पड़ने की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक, एक पश्चिमी विक्षोभ एक से दो जनवरी तक जम्मू कश्मीर को प्रभावित करेगा, जिससे बुधवार शाम से गुरुवार सुबह तक कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी होने की संभावना है.
मौसम विभाग ने बताया कि तीन से छह जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ से राज्य के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी के आसार हैं, जबकि चार से छह जनवरी तक भारी बर्फबारी होगी. इस बीच, कश्मीर में अधिकतर स्थानों पर रात के समय तापमान में गिरावट दर्ज की गई और घाटी में ठिठुरन बढ़ गई है. मौसम विभाग ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में 'स्कीइंग' के लिए मशहूर पर्यटक स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 8.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. गुलमर्ग, घाटी का सबसे ठंडा इलाका रहा.
पहलगाम में तापमान माइनस 7.6 डिग्री सेल्सियस
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से 8.4 डिग्री सेल्सियस नीचे था. श्रीनगर में मंगलवार की रात तापमान शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि पिछली रात यह शून्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे था.
मौसम विभाग ने बताया कि कश्मीर के प्रवेश द्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया और पंपोर शहर के कोनीबल में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा. विभाग ने बताया कि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि दक्षिणी कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा.
'चिल्ला-ए-कलां' की चपेट में कश्मीर घाटी
वर्तमान में कश्मीर घाटी 'चिल्ला-ए-कलां' (सर्वाधिक ठंड की अवधि) की चपेट में है. इसे सर्दियों का सबसे कठिन समय माना जाता है, जो 21 दिसंबर से शुरू हुआ था. 'चिल्ला-ए-कलां' की 40 दिनों की अवधि के दौरान सबसे अधिक बर्फबारी होती है. 'चिल्ला-ए-कलां' अगले साल 30 जनवरी को खत्म हो जाएगा, लेकिन शीतलहर जारी रहेगी. 40 दिनों के 'चिल्ला-ए-कलां' के बाद 20 दिवसीय 'चिल्ला-ए-खुर्द' और 10 दिन का 'चिल्ला-ए-बच्चा' भी होगा जब घाटी में ठंड में धीरे-धीरे कमी आएगी.