Jammu-Kashmir Reservation Policy: जम्मू-कश्मीर में मौजूदा आरक्षण नीति के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता और लोकसभा सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी सोमवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सरकारी आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे. पीडीपी नेता वहीद उर रहमान पारा और इल्तिजा मुफ्ती समेत अन्य लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
एनसी सांसद ने जम्मू-कश्मीर के लिए तर्कसंगत आरक्षण नीति की मांग करते हुए बर्न हॉल स्कूल से विरोध मार्च शुरू किया और मुख्यमंत्री आवास के बाहर पहुंचे. शेख खुर्शीद और वहीद उर रहमान पारा समेत विधायक भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. पीडीपी नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी मौके पर पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में राजनीति अनुच्छेद 370 और राज्य का दर्जा बहाल करने के इर्द-गिर्द घूम रही है और कोई भी "युवाओं" के बारे में बात नहीं कर रहा है.
मीरवाइज उमर फारूक क्या बोले?
इससे पहले दिन में मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि अगर अधिकारियों ने इजाजत दी तो वह भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने रविवार को लोगों से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के आवास के बाहर शांतिपूर्ण और सम्मानजनक तरीके से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया था. जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति को रद्द करने की मांग तेज होती जा रही है. छात्र संघ, कई नेता और राजनीतिक दल इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन दे रहे हैं.
इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों से पहले उपराज्यपाल के नेतृत्व में प्रशासन द्वारा प्रस्तुत नीति में आरक्षित श्रेणियों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया था, इससे सामान्य श्रेणी के लिए 40 प्रतिशत अवसर ही बचता है, जो जनसंख्या का अधिकांश हिस्सा है. हालांकि विरोध प्रदर्शन शुरू होने के कुछ घंटों बाद राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने छात्रों को बुलाया और अपने कार्यालय में उनसे बात की.
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