Manoj Sinha on Bharat Jodo Yatra in Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जम्मू कश्मीर चरण की सभी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था कर ली गयी है. गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में प्रवेश हुई पदयात्रा 30 जनवरी को श्रीनगर में एक रैली के साथ संपन्न होगी. उपराज्यपाल श्रीनगर से 12 किलोमीटर दूर जीवान में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी आवासीय परियोजना की नींव रखने गए थे. कार्यक्रम के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘यात्रा के लिए सुरक्षा की दृष्टि से कोई समस्या नहीं होगी. सुरक्षा के सभी बंदोबस्त कर लिये गए हैं.’’ राहुल गांधी की पदयात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी.
अतिक्रमण-रोधी अभियान पर क्या बोले उपराज्यपाल?
केंद्र शासित प्रशासन के शुरू किए अतिक्रमण-रोधी अभियान पर उपराज्यपाल ने कहा कि गरीब और आम आदमी को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिन्होंने अपने पदों का दुरुपयोग किया और जमीन के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने के लिए नियमों का उल्लंघन किया.’’ विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों के लिए आवासीय परियोजना पर उन्होंने कहा कि प्रशासन समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहा है. सिन्हा ने कहा, ‘‘पिछली बार हमने बांदीपुरा और बारामूला में कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आवास बनाने के प्रयास शुरू किए थे. ज्यादातर विस्थापित कश्मीरी कर्मचारी श्रीनगर में हैं, इसलिए आज हमने श्रीनगर में उनके लिए एक बड़ी आवासीय परियोजना शुरू की है.
विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों के लिए संवेदनशील
मुख्य इंजीनियर ने कहा है कि परियोजना (930 फ्लैट) इस साल दिसंबर तक पूरी हो जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि प्रशासन विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर संवेदनशील है और उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रहा है चाहे कश्मीर में हो या जम्मू में. उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘प्रशासन उनके साथ संपर्क में है और हम उनकी वास्तविक समस्याओं को हल कर रहे हैं. एक वक्त था जब पद खाली रहते थे, लेकिन अब सभी पद भर चुके हैं. पहले आवास बनाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं थी, लेकिन अब सभी स्थानों पर काम शुरू हो गया है. जल्द ही 1,200 फ्लैट तैयार हो जाएंगे और 1,800 फ्लैट दिसंबर के अंत तक तैयार होंगे.’’ सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा के नजरिये से प्रशासन ने पुलिस के साथ विचार-विमर्श करके इन कर्मचारियों को ‘‘उचित स्थानों’’ पर तैनात किया है.
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