One Nation One Election: देश की राजनीति में वक्फ अमेंडमेंट बिल और वर्शिप एक्ट के बाद अब 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के मसले पर भी सियासी पारा चरम पर पहुंच गया. इस बीच वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस मसले में अभी साफ तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है. अभी तो यह सिर्फ कैबिनेट का प्रस्ताव है. इसे पार्लियामेंट में आने दीजिए. 


केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस मसले पर आगे कहा, "यह अभी संसद के सामने नहीं आया है. इस पर सदन में बहस होगी. बहस खुली होनी चाहिए. कहीं इसका भी वही हाल न हो, जैसा 2019 में अनुच्छेद 370 के साथ हुआ."






संसद में आने पर तय करेंगे NC का स्टैंड 


उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। जहां तक ​​नेशनल कॉन्फ्रेंस का सवाल है, हम बैठकर इस पर एक राय बनाएंगे और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों को बताएंगे कि कैसे संसद में वोट करना है.


राम नाथ कोविंद कमेटी ने की थी इसकी सिफारिश 


दरअसल, 'वन नेशन वन इलेक्श' के प्रस्ताव को 12 दिसंबर को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. बताया जा रहा है कि अब 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है. एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बिल की वकालत की थी. उन्होंने कहा ​कि देश में कहीं न कहीं लगातार चुनाव होने से विकास के काम में बाधा बन रहे हैं.


बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने वन नेशन वन इलेक्शन की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार का मानना है कि यह बिल पास होने और उस पर अमल से देश की जीडीपी में 1 से 1.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी. 


Jammu-Kashmir: 'सरकार सिर्फ उन लोगों की नहीं है, जिन्होंने..., CM उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान