जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम पर दोष देने वालों पर फिर सवाल किया है. उन्होंने कहा कि अगर आप ईवीएम पसंद नहीं करते तो उसका क्या रास्ता है वह बताना चाहिए. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि क्या हम ईवीएम से वापस बैलेट पेपर पर चले जाएं? हम क्या भूल गए कि बैलेट पेपर से साथ क्या होता था?


उमर अब्दुल्ला ने खुद पर निशाना साधने वालों पर पलटवार करते हुए कहा, "मैं मुख्यमंत्री होने के नाते सच बोलता हूं और सच बोलना बंद नहीं करूंगा. जिस इंटरव्यू को दिखाकर कहा जा रहा है की मैं बीजेपी की भाषा बोल रहा हूं, उसी इंटरव्यू में मैंने सोनिया गाँधी की तारीफ की थी. क्या वह बीजेपी की भाषा है. अगर आप EVM पसंद नहीं करते तो उसका क्या रास्ता है वह बताना चाहिए."


केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक की खबरों पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मेरी कोई बैठक नहीं है. अगर कोई बैठक होगी तो आपको पता चल जाएगा. बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर गृह मंत्री के साथ बात करनी है. जम्मू-कश्मीर अभी एक केंद्र शासित प्रदेश है, हम राज्य के दर्जे की उम्मीद कर रहे हैं."


सीएम अब्दुल्ला का ईवीएम पर ये सवाल ऐसे समय में आया है जब उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के नेता इसको लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. उनके ईवीएम पर दिए हालिया बयान पर कांग्रेस ने कहा था कि सीएम बनने के बाद ईवीएम पर उनका रुख बदल गया. 


बता दें कि ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में तब आ गया जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव नतीजों को ईवीएम का खेल करार दिया. वहीं बीजेपी का कहना है कि जब कांग्रेस गठबंधन झारखंड का चुनाव जीतती है तब उन्हें ईवीएम में दोष नजर नहीं आता लेकिन जनता जहां उन्हें नकारती है, वहां गड़बड़ी नजर आती है.


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