Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने बडगाम जिले में एक पवित्र दरगाह के प्रांगण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) कार्यक्रम आयोजित करने की आलोचना करते हुए इसे ‘तस्वीर खिंचवाने का अवसर’ बताया. सेना ने बुधवार को शासन के साथ मिलकर मध्य कश्मीर के बडगाम जिला स्थित चरार-ए-शरीफ में शेख-उल-आलम और आलमदार-ए-कश्मीर के नाम से मशहूर सूफी संत शेख नूर-उद-दीन-नूरानी की दरगाह के प्रांगण में स्कूली छात्रों के लिए एक योग सत्र का आयोजन किया था.


नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने इस कार्यक्रम पर ट्वीट के जरिए प्रतिक्रिया दी, 'हमारे सबसे श्रद्धेय संतों में से एक को जिस जगह पर दफनाया गया था, उसका इस्तेमाल योग दिवस पर तस्वीरें खिंचवाने के अवसर के आयोजन स्थल के रूप में किया गया.' श्रीनगर के महापौर जुनैद अजीम मट्टू ने भी इस कार्यक्रम पर आपत्ति जताते हुए इसे ‘पूरी तरह मूर्खतापूर्ण’ बताया. 



जुनैद मट्टू ने बताया मूर्खतापूर्ण विचार
जुनैद मट्टू ने ट्वीट किया, 'शेख-उल-आलम, शेख नूर-उद-दीन नूरानी की मजार पर दिखावा पूरी तरह मूर्खतापूर्ण, अविवेकपूर्ण विचार है. मैं पूरी तरह योग के पक्ष में हूं लेकिन यह काफी आपत्तिजनक है. धार्मिक महत्व के स्थानों पर अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए.' सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता ताहिर पीरजादा ने कहा कि यह लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का सोचा-समझा प्रयास है.


योग दिवस पर जम्मू से लेकर श्रीनगर तक हुए आयोजन
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग उम्र वर्ग के लोगों ने उत्साह के साथ योग दिवस कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था. श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने योग कार्यक्रम में शरीक हुए. जबकि जम्मू में केंद्रीय मंत्री जितेंद सिंह आम लोगों के साथ योग करते नजर आए. सीमा पर तैनात जवानों ने भी योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास किया. इसके अलावा भारत-पाक सीमा से सटे जिला मुख्यालय में खेल मैदान में आयोजित योग कार्यक्रम विशेष आकर्षण का केंद्र रहा. यहां बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों, शिक्षकों, खिलाड़ियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया.


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