Omar Abdullah Oath: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर लड़ी कांग्रेस ने उमर अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होकर सभी को चौंका दिया. शपथ से ठीक पहले कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि वो नई सरकार को बाहर से समर्थन देगी. यानी उमर अब्दुल्ला सरकार में कांग्रेस से कोई मंत्री नहीं होगा. 


कांग्रेस के इस फैसले पर उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के शेख बशीर ने कहा कि यह कांग्रेस का फैसला है तो कांग्रेस ही बताएगी ऐसा क्यों है. उन्होंने कहा, ''गठबंधन में हमने काफी अच्छी लड़ाई लड़ी और अब यह उनका फैसला है कि बाहर रहना है या अंदर. उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हम सबको साथ लेकर चलेंगे.'' 


कांग्रेस ने क्या कहा?


जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी फिलहाल जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्रालय में शामिल नहीं हो रही है. कांग्रेस ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की जोरदार मांग की है. प्रधानमंत्री ने भी कई बार सार्वजनिक बैठकों में इसका वादा किया है. लेकिन जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया गया.


उन्होंने कहा, ''हम नाखुश हैं, इसलिए फिलहाल हम मंत्रालय में शामिल नहीं हो रहे हैं, कांग्रेस पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ाई जारी रखेगी.''


कांग्रेस ने क्यों उठाया ये कदम?
सूत्रों ने बताया कि उमर सरकार में कांग्रेस दो मंत्री पद चाहती थी लेकिन केवल एक दी जा रही थी. इसपर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस ने बाहर से समर्थन का फैसला किया है.


हालांकि गठबंधन एकजुटता का संदेश देने के लिए उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पहुंचे.  


दूसरी बार सीएम बने उमर अब्दुल्ला


उमर अब्दुल्ला दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने हैं और वह अपने दादा शेख अब्दुल्ला और पिता फारूक अब्दुल्ला के बाद इस पद को संभालने वाले अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं. अब्दुल्ला के साथ पांच मंत्रियों - सकीना मसूद (इटू), जावेद डार, जावेद राणा, सुरिंदर चौधरी और सतीश शर्मा ने भी पद की शपथ ली.


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