Jammu Kashmir News: कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के बनिहाल पहुंची भारत जोड़ो यात्रा में नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य राहुल गांधि की छवि (इमेज) में सुधार करना नहीं बल्कि बल्कि देश के मौजूदा माहौल को बदलना है.


देश के हालातों को सुधारना है यात्रा का मकसद- उमर अब्दुल्ला


हालांकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मुद्दे पर कांग्रेस के रुख से जुड़े सवालों को यह कहते हुए टाल दिया कि वह इसमें नहीं पड़ना चाहते. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी व्यक्ति की छवि के लिए नहीं बल्कि देश की छवि के लिए इस मार्च में शामिल हुए हैं. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राहुल गांधी ने व्यक्तिगत कारणों से इस यात्रा को शुरू नहीं किया बल्कि उन्हें देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के प्रयासों को लेकर चिंता थी, इसलिए उन्होंने यह यात्रा शुरू की.
 उन्होंने कहा कि इस यात्रा उद्देश्य राहुल गांधी की छवि को सुधारना नहीं बल्कि देश के हालातों को सुधारना है.


'देश में पहली बार सत्ताधारी सरकार में कोई मुस्लिम सांसद नहीं'


उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार भले ही अरब देशों से मित्रता कर रही हो लेकिन तथ्य यह है कि इस सरकार में देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक वर्ग का कोई प्रतिनिधि नहीं है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब सत्ताधारी पार्टी में कोई भी सांसद मुस्लिम नहीं है. यह इस सरकार के रवैये को दर्शाता है.


'सर्जिकल स्ट्राइक पर हमने कभी कोई सवाल नहीं उठाया'


वहीं 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, उमर ने कहा कि उनकी पार्टी ने ऑपरेशन पर कभी सवाल नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है. हमने न तो सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया है और न कभी उठाएंगे. वहीं जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने पर कांग्रेस के रुख पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम कोर्ट में प्रदेश में धारा 370 की बहाली के लिए केस लड़ेंगे. जिस तरह से सरकार अपने पांव खींच रही है... ये बताता है कि हमारा केस बहुत मजबूत है.'


'विधानसभा चुनाव के लिए भीख नहीं मांगेंगे'


वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था, उसके बाद से अभी तक यहां चुनाव नहीं हुआ है. ये दो चुनावों के बीच का सबसे लंबा समय रहा है. प्रदेश में उग्रवाद के चरम पर रहने के दौरान भी ऐसा नहीं था. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार चाहती है कि हम चुनाव कराने के लिए भीख मांगे, लेकिन हम भिखारी नहीं हैं और हम इसके लिए भीख नहीं मांगेंगे.


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