Jammu and Kashmir: 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों (Opposition Meeting) की बैठक आयोजित होने के बाद देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इसको लेकर राजनेताओं के बयान लगातार सामने आ रहे हैं. इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) का भी बयान आया है. वह भी इस बैठक में शामिल हुए थे. उमर ने कहा कि 'ये तो वक्त बताएगा कि वो फोटोशूट था या नहीं. आखिरकार उस मीटिंग पर बीजेपी की पूरी लीडरशिप बयान देने में मजबूर हुई.'


उमर अब्दुल्ला ने कहा , "अगर खुद भारत के गृहमंत्री जो इस मुल्क में सबसे ताकतवर लोगों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर माने जाते हैं, वह भी इस मीटिंग के बारे में कुछ कहने पर मजबूर हुए तो शायद इसी से मीटिंग की कामयाबी का सबूत मिल जाता है. बाकी इस मीटिंग का क्या नतीजा होगा उसके लिए 2024 तक इंतजार करिए, आज से ही क्यों परेशान हैं."



उमर अब्दुल्ला ने अनंतनाग में पत्रकारों से बातचीत में आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया. उमर ने दावा किया, "कश्मीर का कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां मिलिटेंसी का असर देखने को नहीं मिलता. हाल ही में राजौरी पूंछ में जो देखने को मिला है, उससे साबित होता है कि मिलिटेंसी का असर दोबारा से उन इलाकों में है, जिन इलाकों में कुछ साल पहले तक ये नजर नहीं आ रहा था. इतना तो जरूर कहा जा सकता है कि इन लोगों के रहते हुए जम्मू-कश्मीर में मिलिटेंसी खत्म नहीं होगी."


'किसी भी चुनाव का नहीं करेंगे बायकॉट'


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज की बात ये है कि हम किसी भी इलेक्शन का बायकॉट करने के लिए तैयार नहीं हैं. जो भी चुनाव होगा उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया जाएगा, कामयाबी की हम पूरी कोशिश करेंगे, हमें और क्या चाहिए.


मणिपुर के हालात पर यह बोले उमर


मणिपुर के हालात पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ये अफसोस की बात है 50 दिन से ज्यादा हो गए. वहां खून-खराबे का सिलसिला, उसमें कोई रोक नहीं लगाई जा रही है क्योंकि दिल्ली से वो इलाका इतना दूर है. शायद इसलिए नजरअंदाज किया जा रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि मरकज की पूरी कोशिश रहेगी कि वहां दोबारा से अमन कायम किया जाए.


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