चौथी पीढ़ी की एंट्री! पिता, दादा, परदादा- तीनों रहे जम्मू-कश्मीर के सीएम, अब पोतों की तैयारी शुरू
Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की राजनीति में मजबूत रही सियासी परिवार की चौथी पीढ़ी भी राजनीति में भविष्य तलाश रही है.
जम्मू-कश्मीर में सियासी परिवार की चौथी पीढ़ी राजनीति में अपने कदम बढ़ा रही है. जहीर और जमीर के पिता, दादा और परदादा तीनों सीएम रहे. जहीर और जमीर उमर अब्दुल्ला के बेटे हैं. उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के सबसे युवा मुख्यमंत्री रहे हैं. वो 5 जनवरी 2009 से 8 जनवरी 2015 तक सीएम पद पर रहे. उमर अब्दुल्ला के पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मौजूदा अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला 1982 से 1984, 1984 से 1996 और 1996 से 2002 के दौरान सीएम पद पर रहे. उनके पिता शेख अब्दुल्ला भी सीएम रहे.
हाल में कई मौकों पर अपने पिता उमर अब्दुल्ला के साथ राजनीतिक मंच साझा करने के बाद जहीर और जमीर मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रत्याशी अजय कुमार सधोत्रा के रोडशो में शामिल हुए. पूर्व मंत्री और दो बार के विधायक सधोत्रा ने जम्मू उत्तरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए निर्वाचन अधिकारी के सामने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पूर्व फलौरा से जानीपुर के लिए रोडशो निकाला. इस सीट पर एक अक्टूबर को तीसरे और अंतिम चरण में अन्य 39 विधानसभा सीट के साथ चुनाव होंगे.
भाजपा ने शामलाल शर्मा को जम्मू उत्तर से चुनाव मैदान में उतारा है. वह कांग्रेस छोड़कर मार्च, 2019 में भाजपा में शामिल हो गये थे. रोडशो के दौरान उमर अब्दुल्ला के बेटे, माला पहने हुए सधोत्रा के साथ एक सुसज्जित वाहन पर बैठे थे और भीड़ की ओर हाथ हिलाते एवं उनसे हाथ मिलाते देखे गए. हजारों एनसी कार्यकर्ता और समर्थक नारे लगा रहे थे. यह रोडशो लगभग एक किलोमीटर तक चला.
पूर्व मंत्री एवं माढ़ निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी मुला राम और उदय भानु छिब समेत कई कांग्रेस नेता इस रोडशो में शामिल हुए. सोमवार को जहीर और जमीर ने यहां नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्यालय में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां दर्जनों युवा पार्टी में शामिल हुए थे. यह जम्मू क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियों में उनकी सहभागिता है. दोनों भाई वकील हैं.
वैसे रोडशो के दौरान उमर के बेटे मीडिया से बचते रहे लेकिन सधोत्रा ने इस मौके पर भाजपा पर निशाना साधा एवं उस पर विभाजनकारी राजनीति करने एवं समाज में घृणा फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश के गृह मंत्री यह कहकर जनता को गुमराह कर रहे हैं कि हम शंकराचार्य और हरि पर्वत पहाड़ियों (श्रीनगर में) का नाम बदलने की योजना बना रहे हैं. हमारे घोषणापत्र में यह कहां लिखा है? हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम तीर्थयात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने के लिए दो पहाड़ियों के बीच एक केबल कार स्थापित करना चाहते हैं.’’
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भाजपा के घोषणापत्र को जारी करने तथा पार्टी का प्रचार अभियान शुरू करने के लिए दो-तीन दिन पहले इस केंद्रशासित प्रदेश में थे. एनसी के अतिरिक्त महासचिव ने भाजपा से धर्म के नाम पर नफरत नहीं फैलाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि भाजपा कह रही है कि नेका-कांग्रेस गठबंधन सत्ता में आने के बाद आतंकवाद वापस ले आएगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह एक और झूठ है क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस वह पार्टी है जिसने आतंकवादी हमलों में पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं को खो दिया है. हमने आतंकवादियों की गोलियों का सामना करने के बावजूद तिरंगा को उठाये रखा.’’