जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मु्फ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा है कि बीजेपी (BJP) जम्मू और कश्मीर के बीच धर्म और क्षेत्र के आधार पर बंटवारा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी के इन प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए. जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख ने कहा कि चाहें वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम सामूहिक लड़ाई लड़ेंगे. पीडीपी प्रमुख का यह बयान जम्मू के चुनाव अधिकारी के एक आदेश के बाद आया है. इस आदेश में जिला चुनाव अधिकारी ने बताया है कि जम्मू की नागरिकता साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को किन कागजात की जरूरत होगी. जिले में एक साल या उससे अधिक समय अधिक समय से रह रहे लोग इनमें से किसी एक कागज को दिखाने के बाद मतदाता बन सकते हैं.
महबूबा ने बीजेपी पर क्या आरोप लगाए हैं
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए ईसीआई के नवीनतम आदेश से यह साफ हो जाता है कि जम्मू में भारत सरकार की औपनिवेशिक कॉलोनी बसाने वाली परियोजना शुरू की गई है. मुफ्ती ने कहा कि यह डोगरा संस्कृति, पहचान, रोजगार और व्यवसाय को पहला झटका होगा.
चुनाव अधिकारी का क्या आदेश है
जम्मू के जिला चुनाव अधिकारी ने उन कागजात की सूची जारी है, जो वहां एक साल या उससे अधिक समय से रह रहे लोगों के मतदाता बनने के लिए जरूरी है. इनमें से किसी एक कागजात को निवासी होने के प्रमाण के रूप में पेश किया जा सकता है. वहीं ऐसे पात्र लोग, जिनके पास ऐसे कागजात नहीं है, उनका नाम भौतिक सत्यापन के बाद मतदाता सूची में दर्ज किया जाएगा. चुनाव अधिकारी ने कहा है कि चुनाव आयोग ने मतदाता बनने के लिए नागरिकता प्रमाणित करने के लिए इन कागजात को मान्यता दी गई है.
जम्मू के जिला चुनाव अधिकारी ने इसके लिए मंगलवार को आदेश जारी किया. इसके मुताबिक मतदाता बनने के लिए नागरिका साबित करने के लिए पानी, गैस और बिजली के बिल, आधार कार्ड, राष्ट्रीयकृत बैंक, डाकघर और सूचीबद्ध बैंक के पासबुक, भारतीय पासपोर्ट, जमीन के मालिकाना साबित करने वाले राजस्व विभाग के दस्तावेज, किराएदार होने की स्थिति में रजिस्टर्ड रेंट और लीज समझौता और घर का मालिक होने की दशा में घर की खरीद के रजिस्टर्ड समझौते को पेश किया जा सकता है.
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