Jammu Kashmir Election 2024: नेताओं के पाला बदलने का कितना होगा असर, जानें- किसने कौन सी पार्टी छोड़ी?
Jammu Kashmir Vidhan Sabha Chunav 2024: जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य के रुप में गठन के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहा है. चुनाव से पहले कई नेता बेहतर भविष्य की तलाश में पाला बदल रहे हैं.
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35 ए के हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहा है. प्रदेश की सभी 90 विधासनभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा. चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद प्रदेश सियासी हलचल तेज हो गई.
कई सियासी दलों के नेता बेहतर भविष्य की तलाश में दूसरे दलों का रुख कर रहे हैं, तो कई ऐसे हैं जो व्यक्तिगत विवाद और हालिया जनादेश से असंतुष्ट होकर दूसरी पार्टियों की रुख कर रहे हैं. जम्मू कश्मीर के पाला बदलने की सियासत में सबसे काबिले जिक्र नाम ताज मोहिउद्दीन का है.
DPAP को ताज मोहिउद्दीन दिया झटका
ताज मोहिउद्दीन का शुमार जम्मू कश्मीर के सबसे सीनियर और कद्दावर नेताओं में होता है. उन्होंने गुलाब नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. डीपीएपी में आने से पहले भी ताज मोहिउद्दीन कांग्रेस से लगभग 45 सालों से जुड़े हुए थे.
कांग्रेस नेता ताज मोहिउद्दीन ने पाला बदलने की वजह गुलाम नबी आजाद की बीजेपी के साथ कथित निकटता बताई है. इस मौके पर उन्होंने कहा, "मुझे महसूस हुआ कि डीपीएपी वन मैन सियासी पार्टी है, जिसने मुझे कांग्रेस में लौटने पर मजबूर कर दिया. जो मेरा वास्तविक सियासी घर है."
कांग्रेस में वापसी के फैसले को लेकर ताज मोहिउद्दीन ने कहा कि अगर कोई गलती करता है और दिन खत्म होने से पहले उसे सुधार लेता है, तो उसको गलती नहीं मानी जाती है. उन्होंने चिनाब क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है.
इन दिग्गजों ने भी बदला पाला
पाला बदलने वाले सियासदानों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री उस्मान माजिद हैं. उस्मान साजिद ने अल्ताफ बुखारी की अगुवाई वाली 'अपनी पार्टी' छोड़ दिया. इसी तरह पूर्व विधायक एजाज मीर ने पीडीपी का दामन छोड़ दिया. एजाज मीर को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, टिकट न मिलने से पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
पीडीपी में विधानसभा चुनाव से पहले उठापटक शुरू हो गई है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के करीबी सुहैल बुखारी ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है. सुहैल बुखारी ने बीजेपी-पीडीपी गठबंधन के टूटने को एक मुश्किल घड़ी बताते हुए महबूबा मुफ्ती पर गंभीर आरोप लगाए.
महबूबा मुफ्ती पर लगाए ये आरोप
पीडीपी छोड़ने वाले जिला विकास परिषद (DDC) सदस्य डॉ. हरबख्श सिंह पार्टी के अंदर चल रही कलह से खासे नाराज हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के पुराने वफादार नेताओं को हाशिए पर रखकर नए चेहरों के तरजीह दी जा रही है. उन्होंने कहा कि मैंने डीडीसी चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में लड़ा और जीत दर्ज की.
हरबख्श सिंह ने कहा, "मैं ने पार्टी उन लोगों की गरिमा के लिए जिन्होंने सालों तक पार्टी में मेहनत की और अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि अवामी इत्तेहाद पार्टी लोगों को जन भावनाओं का बेहतर ढ़ंग से प्रतिनिधित्व कर रही है. इसी तरह पूर्व मंत्री बशारत बुखारी ने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को छोड़कर पीडीपी में शामिल हो गए.
बीजेपी में आंतरिक कलह के संकेत
चुनाव से पहले पाला बदलने के ट्रेंड सिर्फ पीडीपी, डीपीएपी तक ही सीमित नहीं है. जम्मू कश्मीर में बीजेपी में आंतरिक कलह दिखाई पड़ रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने 44 उम्मीदवारों के नामों की सूची वापस ले ली है, जो पार्टी के अंदर नेताओं के पद को लेकर असंतोष की स्थितित को साफ तौर पर दर्शाता है.
चुनाव से ठीक पहले जम्मू कश्मीर में पाला बदलने की सियासत से कई दलों को बड़ा झटका लगा है, वो भी ऐसी स्थिति में जब सियासी दल अपना खेमा मजूबत करने और सियासी जमीन मजबूत करने के लिए लगातार संघर्षरत हों. दल बदल की सियासत ने कई दलों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है, खासतौर पर डीपीएपी और अपनी पार्टी जैसे दलों के लिए जो सियासी जमीन को मजूबत करने में जुटी हैं.
जम्मू कश्मीर चुनाव शेड्यूल
बता दें, बीते दिनों ने निर्वाचन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के सभी 90 सीटों पर तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान किया. पहले चरण में 18 सितंबर को प्रदेश की 24 सीटों पर दूसरे चरण में 25 सितंबर को 26 सीटों पर और 1 अक्तूबर को 40 सीटों पर चुनाव प्रस्तावित है. सभी सीटों पर 4 अक्तूबर को मतों की गणना होगी.