Prime Minister Special Scholarship Scheme: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) के छात्रों के लिए प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम (PMSSS) को अगले 5 सालों के लिए बढ़ा दिया है. सरकार ने यह फैसला स्कीम को लेकर मिल रही उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए लिया है. एआईसीटीई (AICTI) के आंकड़ों के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 की तुलना में 2020-21 और 2021-22 में स्कॉलरशिप के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल डी सहस्रबुद्धे ने बताया कि इस योजना की अवधि पिछले साल समाप्त होने वाली थी, लेकिन केंद्र ने छात्रों के लिए इसे और पांच साल बढ़ाने का फैसला किया है. यह योजना सामान्य शिक्षा पाठ्यक्रमों (कला, वाणिज्य और विज्ञान में स्नातक) के लिए 4,500 सीटों और इंजीनियरिंग-मेडिकल डिग्री के लिए 250 सीटों की पेशकश करती है. सामान्य शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि 1.3 लाख रुपये है, जिसमें हॉस्टल और मेस शुल्क को कवर करने के लिए 1 लाख रुपये रखरखाव शुल्क शामिल है. इंजीनियरिंग के लिए 2.25 लाख रुपये और मेडिकल डिग्री के लिए 4 लाख रुपये मिलते हैं.
2021-22 में मिले हैं इतने आवेदन
हालांकि आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले छह सालों में 250 आवंटित मेडिकल सीटें नहीं भरी पाईं. 2019-20 में प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम के तहत सिर्फ 95 छात्र और 2020-21 में 113 छात्र ही मेडिकल स्ट्रीम में शामिल हुए. वहीं 2020-21 में 25,970 और 2021-22 में छात्रवृत्ति के लिए 24,455 आवेदन आए. उनमें से 2020-21 में 23,234 और 2021-22 में 22,538 पात्रता मानदंडों को पूरा कर रह थे, लेकिन बाद में सिर्फ 4,780 और 4,095 छात्र ही इस स्कीम के तहत कॉलेजों पहुंचे.
2011 में यूपीए सरकार ने शुरू की थी योजना
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम 2011 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने देश भर के निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के लिए हर साल 5,000 मेधावी छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के छात्रों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योजना के तहत 180-190 करोड़ के सालाना बजट के साथ एआईसीटीई की तरफ से लागू की गई है.
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