Ramban Hospital: जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में अस्पताल के कर्मचारियों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद परिवार ने नवजात को सोमवार को पड़ोसी गांव के कब्रिस्तान में दफना दिया. मामला सामने आने के बाद रामबन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ फरीद भट ने कहा, "दो व्यक्तियों - एक जूनियर स्टाफ नर्स और उसके सहायक, जिन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ को बताए बिना नवजात को मृत घोषित कर दिया है." मामले की जांच के लिए डिप्टी सीएमओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम भी गठित की गई है.


मां-बाप ने नवजात का अंतिम संस्कार किया
खबर के मुताबिक नवजात के परिवार ने होलन गांव में उसका अंतिम संस्कार किया था. लेकिन क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया कि परिवार को नवजात शिशु को उसके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाना जाना चाहिए. करीब एक घंटे बाद परिवार ने कब्र खोदा, जिसके बाद जो मंजर सबने देखा वो चौकाने वाला था. चमत्कारिक रूप से बच्ची कब्र से जीवित निकली, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया.


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नवजात का अस्पताल में सामान्य प्रसव हुआ
स्थानीय सरपंच मंजूर एलिस वानी ने कहा कि नवजात बशारत अहमद गुज्जर और शमीमा बेगम का है. जिनका सोमवार सुबह को उप-जिला अस्पताल में सामान्य प्रसव हुआ था. वे रामबन जिले के बनिहाल कस्बे से तीन किलोमीटर दूर बांकूट गांव के रहने वाले हैं. 


नवजात पर अस्पताल में ध्यान नहीं दिया 
एलिस वानी ने आरोप लगाया कि नवजात को मृत घोषित कर दिया गया था और परिवार द्वारा होलन गांव में उसे दफनाने का फैसला करने से पहले दो घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में उसपर चिकित्सकीय ध्यान नहीं दिया गया. वानी ने कहा कि जब नवजात को कब्र से बाहर निकाला गया तो वह जीवित पाया गया. परिजन उसे अस्पताल ले गए. "प्रारंभिक उपचार के बाद, उसे डॉक्टरों द्वारा विशेष उपचार के लिए श्रीनगर रेफर कर दिया गया है.


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