Jammu Kashmir Terror Funding Case: दिल्ली की एक अदालत 28 अगस्त को लोकसभा सांसद राशिद इंजीनियर की एक अर्जी पर सुनवाई कर सकती है. राशिद साल 2019 से जेल में है. उन्होंने 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में नियमित जमानत की मांग की है.
शेख अब्दुल रशीद को इंजीनियर राशिद के नाम से भी जाना जाता है. राशिद इंजीनियर (Rashid Engineer) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था.
कोर्ट ने 20 अगस्त को NIA को नोटिस जारी किया था
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एडिशनल सेशन जज (एएसजे) चंदर जीत सिंह ने 20 अगस्त को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया था और उसे उनकी याचिका पर 28 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. अदालत ने इससे पहले राशिद को 5 जुलाई को पद की शपथ लेने के लिए कस्टडी पैरोल दी थी. कोर्ट ने पैरोल की अवधि के दौरान फोन इस्तेमाल न करने के अलावा किसी से भी बातचीत करने से मना किया था.
कश्मीरी व्यापारी की जांच के दौरान नाम आया था सामने
कथित आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा आरोपित किए जाने के बाद से राशिद 2019 से जेल में है पूर्व विधायक का नाम कश्मीरी व्यापारी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर धन मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
NIA ने किन-किन लोगों पर किया था आरोप पत्र दाखिल
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.
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