BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल रविंद्र रैना को किस बात का मलाल? खुद किया खुलासा
Jammu Kashmir News: बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर के अंदर लगभग 7 वर्षों तक अपने कार्यकर्ताओं के सहयोग से पार्टी संगठन के विस्तार को नई बुलंदियों तक पहुंचाया.
Ravinder Raina News: जम्मू कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद रविंद्र रैना को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए रविंद्र रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर अध्यक्ष के पद पर 7 साल रहने के बावजूद उन्हें इस बात का मलाल रहेगा कि वह कश्मीर घाटी में पार्टी का एक सांसद नहीं बना पाए.
बीजेपी ने जम्मू कश्मीर प्रदेश इकाई में बड़ा फेरबदल करते हुए रविंद्र रैना को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया है. अपने सात साल के कार्यकाल पर रविंद्र रैना ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की.
7 साल के कार्यकाल पर क्या बोले रविंद्र रैना?
बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने कहा, ''जम्मू कश्मीर के अंदर लगभग 7 वर्षों तक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के नाते मेरे कंधों पर काम करने की जिम्मेदारी थी. मैंने अपने कार्यकर्ताओं के सहयोग से बीजेपी संगठन के विस्तार को नई बुलंदियों तक पहुंचाया. जब मैं अध्यक्ष था तो लद्दाख रीजन भी हमारे कार्यक्षेत्र में आता था. तीन एमपी फिर 2024 में जम्मू रीजन में दोनों एमपी, 29 विधायक, 75 डीसी, 100 से ऊपर बीडीसी, हजारों पंच सरपंच जम्मू के साथ-साथ कश्मीर घाटी में भी कमल का फूल खिला.''
उन्होंने आगे कहा, ''2019 में जब 1652000 मेंबरशिप हुई. एक बड़ा प्रयास इन 7 सालों में हुआ. बीजेपी जम्मू कश्मीर में बुलंदियों पर है. 26.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 2024 के इलेक्शन में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी उभर कर सामने आई. मैं इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को बधाई और धन्यवाद देता हूं.''
धारा 370 पर क्या बोले रविंद्र रैना?
जम्मू कश्मीर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ''धारा 370 हटाना एक बड़ा निर्णय था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर नजरें लगी थी. लेकिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सबको जम्मू कश्मीर की चिंता थी. हमने भी एक-एक कार्यकर्ता के साथ मिलकर मोर्चा संभाला.
धारा 370 हटाने से पहले अलग थे हालात- रविंद्र रैना
उन्होंने कहा, ''पहले यहां अलगाववाद, आतंकवाद था. हालात ठीक नहीं थे. हर रोज बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया जाता था. समस्याएं ज्यादा थी, चुनौतियां थी. डर का माहौल था. आतंकवादी तांडव करते थे. जनसंघ स्थापना से ही है यह वैचारिक विषय था, कोई राजनीतिक मसला नहीं था.''
रविंद्र रैना को किस बात का है मलाल?
उन्होंने कहा, ''मैं चाहता था कि कश्मीर में बीजेपी का सांसद 2024 में जीतकर आएं. मैं कमल का फूल खिलाना चाहता था. राजौरी अनंतनाग सीट थी. वह मुझे मलाल रहेगा.
फारूक अब्दुल्ला और नई सरकार पर क्या बोले?
रविंद्र रैना ने कहा, ''कुछ नेता हैं जो एक भाषण देते हैं और दूसरे दिन दूसरा भाषण देते हैं. फारूक अब्दुल्ला जानते हैं कि आतंकवाद जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के देन है. अखनूर में कश्मीर में जो मारे गए वह फौरन टेररिस्ट हैं. कोई कराची, लाहौर, इस्लामाबाद का रहने वाला है. कोई पीओके का रहने वाला है. तो साजिश कहां हो रही है. बॉर्डर के उस पार हो रही है. यह नया शगूफा नहीं छोड़ना चाहिए.''
उन्होंने ये भी कहा, ''हम चाहते हैं कि प्रदेश में उमर अब्दुल्ला की नई सरकार अच्छा काम करे. अगर वह देश, समाज हित में अच्छा निर्णय लेंगे तो हम उनका सपोर्ट करेंगे. वो घबरा क्यों रहे हैं.''
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