Jammu News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को कहा कि कश्मीरी पंडित (Kashmiri Pandit) जल्द ही घाटी में अपने घरों को लौट सकेंगे. उन्होंने जोर दिया कि अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम किया जा रहा है, ताकि वे फिर कभी विस्थापित न हों.
कश्मीर से बाहर भेजने वाले को भुगतना पडेगा गंभीर परिणाम
तीन दिवसीय 'नवरेह' उत्सव के अंतिम दिन कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि अगर कोई इस समुदाय को दोबारा कश्मीर से बाहर करने की गलत मंशा रखता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे भागवत ने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसने 1990 में घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के पीछे की वास्तविकता के बारे में देश भर में और बाहर जन-जागरूकता पैदा की है.
कश्मीर पंडितों की होगी घर वापसी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख ने कहा "अब समय आ गया है कि कश्मीरी पंडितों की कश्मीर घाटी में वापसी कराने का वादा पूरा किया जाए. आपकी घाटी में वापसी का समय आ गया है क्योंकि हिंदू और 'भारत भक्त' आपके पास आ रहे हैं. आपने भूतकाल में विस्थापन को सहा लेकिन भविष्य में आपके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए. ऐसा माहौल बनाने का कार्य जारी है जिसमें आप सुरक्षित महसूस करेंगे और अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रहेंगे जैसे पहले रहते थे और कोई भी आपको दोबारा विस्थापित नहीं कर सकेगा."
सभी के साथ रहे शांतिपूर्ण
संघ प्रमुख ने कहा, "अगर कोई गलत मंशा रखेगा तो उसे इसके घातक नतीजे भुगतने होंगे. ऐसे लोग हैं (मुस्लिम समुदाय में) जिनके साथ आप अच्छे रिश्ते का आनंद लेते थे. हमें कट्टरपंथ को हराना है और सभी के साथ शांतिपूर्ण रहना है."
जल्द होगी कश्मीरी पंडितों की वापसी
वर्ष 2011 में दिल्ली में कश्मीरी पंडितों के उत्सव 'हेराथ' (शिवरात्रि) में अपनी भागीदारी का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि समुदाय ने इस अवसर पर प्रतिज्ञा की थी कि वे अपनी मातृभमि पर लौटेंगे. भागवत ने अपने आधे घंटे से अधिक के भाषण में कहा, "घाटी में लौटने के हमारे संकल्प को पूरा होने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे. यह बहुत जल्द साकार हो जाएगा और हमें इस दिशा में प्रयास जारी रखना होगा. हमारा इतिहास और हमारे महान नेता हम सभी के लिए मार्गदर्शक रहेंगे और प्रेरणा देंगे."
अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में वापसी का रास्ता हुआ है साफ
संघ प्रमुख ने कहा अनुच्छेद 370 को हटाने से पंडितों की कश्मीर घाटी में वापसी का रास्ता खुल गया. आरएसएस प्रमुख ने कहा, "हर किसी के जीवन में चुनौतियां आती हैं...हम ऐसी स्थिति में हैं जहां तीन-चार दशक पहले हम अपने ही देश में विस्थापित हुए थे. समाधान क्या है?" साथ ही, उन्होंने कहा, "हम हार नहीं मानेंगे और अपने घरों को लौटकर अपनी प्रतिज्ञा को पूरा होते देखेंगे."
इजराइल का किया जिक्र
संघ प्रमुख ने इजराइल का जिक्र किया और कहा कि यहूदियों ने अपनी मातृभूमि के लिए 1800 वर्षों तक संघर्ष किया. भागवत ने कहा, "1700 वर्षों में उनके द्वारा अपनी प्रतिज्ञा के लिए बहुत कुछ नहीं किया गया था, लेकिन पिछले 100 वर्षों में इजराइल के इतिहास ने इसे अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए देखा और दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बन गया. हमें (कश्मीरी पंडितों) दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रहना पड़ा है, इस तथ्य के बावजूद कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. हम कहीं भी रह सकते हैं, लेकिन हम अपनी मातृभूमि को नहीं भूल सकते."
भागवत ने कहा कि हालांकि, इसमें कुछ समय लगेगा लेकिन कश्मीरी पंड़ित अपनी जन्मभूमि पर अपनी शर्तों से लौट सकेंगे.
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