जम्मू-कश्मीर चुनाव: अल्ताफ बुखारी और गुलाम नबी आजाद को झटके पर झटका, BJP से नजदीकी बनी वजह?
Jammu Kashmir Election 2024: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने कमर कस ली है. नेता लगातार कैंपेन कर रहे हैं. इस बीच अल्ताफ बुखारी और गुलाम नबी आजाद की पार्टी को कई झटके लगे हैं.
Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में परंपरागत पार्टियों के साथ-साथ अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी और गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) पर भी सभी की नजरें टिकी हैं. दरअसल, दोनों ही दलों को कांग्रेस, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), बीजेपी की बी टीम कहती रही है.
उनका कहना है कि अपनी पार्टी और DPAP के गठन में बीजेपी ने अहम भूमिका निभाई. सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा आम है कि बीजेपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और कांग्रेस जैसे पुरानी पार्टियों को चुनौती देने के लिए सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को घाटी में शह दी.
लगातार लग रहे झटके
इन दावों को कई मौकों पर तब और हवा मिली जब 2019 में विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद इन नेताओं ने बीजेपी की नीतियों का समर्थन किया. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. तीनों ही दल इस चुनाव में किस्मत आजमाने जा रहे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद तीनों ही दलों की की चमक फीकी पड़ चुकी है. इन तीनों पार्टियों के कई नेता अब साथ छोड़ रहे हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में उसे झटका लग सकता है.
अपनी पार्टी के प्रवक्ता मुंतज़िर मोहिउद्दीन बीजेपी से करीबी संबंधों के दावों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि वे (उनके नेता) कहां जा रहे हैं? हमारे नेता (ज़ुल्फ़िकार) को बीजेपी ने अपने पाले में कर लिया. वे बीजेपी में शामिल हो गए, जो हमारे खिलाफ काम कर रही है. हमारा कभी भी बीजेपी से कोई संबंध नहीं था और न ही कभी होगा.
अपनी पार्टी का गठबंधन को लेकर अहम बयान
अपनी पार्टी के पूर्व विधायक और मंत्री अशरफ मीर ने कहा कि हम बीजेपी या कांग्रेस के किसी भी गुट से गठबंधन नहीं करेंगे. सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हमें बहुमत मिलने की पूरी उम्मीद है. इसके साथ ही पार्टी ने आठ सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी पार्टी के उस्मान मजीद, नूर मोहम्मद और चौधरी जुल्फिकार, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के निजामुद्दीन भट और खुर्शीद आलम और डीपीएपी के ताज मोहिउद्दीन ने हाल के दिनों में अपने दलों का साथ छोड़ दिया. मोहिउद्दीन कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. खुर्शीद आलम पीडीपी में और चौधरी जुल्फिकार बीजेपी में जा चुके हैं.
मंगलवार को अनंतनाग लोकसभा सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार रहे जफर मन्हास ने पार्टी छोड़ दी. उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, मेरे कार्यकर्ता यही चाहते थे.
पीडीपी में शामिल हुए ये नेता
पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान ने भी दो साल बाद पीडीपी में वापसी की. अब्दुल हक खान की वापसी से पहले काफी ड्रामा हुआ. उन्हें मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ा और उन्हें श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में उन्हें उनके घर ले जाया गया, जहां पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने उनसे मुलाकात की और पार्टी में वापसी की घोषणा की. विधानसभा चुनाव से पहले फिर से पीडीपी का कुनबा बढ़ रहा है.
कुपवाड़ा में पार्टी का दिग्गज चेहरा और पूर्व राज्यसभा सदस्य शेख फैयाज लोकसभा चुनाव से पहले पीडीपी में लौट आए थे. उन्हें बारामूला सीट से पीडीपी ने उम्मीदवार बनाया था. कुछ समय पहले ही पूर्व मंत्री बशारत बुखारी भी पीडीपी में शामिल हो गए थे.
2024 का जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 18 सितंबर 2024 से 1 अक्टूबर 2024 तक 3 चरणों में होने वाला है. हरियाणा के साथ नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे.