Katra News: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा बनाए जा रहे रोपवे के विरोध में कटरा तीन दिन से बंद है, जिससे श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


पीक सीजन में इसे बंद करने का असर कटरा के व्यापार पर भी पड़ा है. व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. कटरा की जिन सड़कों पर जय माता दी के नारे गूंजते थे पिछले तीन दिनों से वहां श्राइन बोर्ड और रोपवे के खिलाफ नारों ने जोर पकड़ लिया है.


कटरा बंद से कितना नुकसान?


श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा बनाए जा रहे रोपवे के विरोध में कटरा 25 दिसंबर से बंद है.  कटरा के टैक्सी यूनियन के प्रधान प्रकाश राज के मुताबिक उन्हें काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. साल के अंत के यही 10 दिन व्यापारियों के लिए पीक सीजन होता है और टैक्सी ड्राइवर की उम्मीदें इसी सीजन पर टिकी होती हैं.


कई श्रद्धालुओं ने बंद के चलते अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी हैं. कटरा में ड्राई फ्रूट और शॉल का भी करोड़ों का व्यापार है. शॉल सेलर्स यूनियन के अध्यक्ष मानव ने बताया कि कटरा में शॉल और ड्राई फ्रूट की 500 से अधिक दुकानें हैं. 


कटरा 10 दिन के लिए बंद होता है तो व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. कोरोना काल के बाद कटरा के व्यापारियों को वापस पटरी पर आने के लिए करीब डेढ़ साल लगा था. कटरा के व्यापारी अभी उस मार से नहीं उभरे की अब रोपवे बनाया जा रहा है.


बीजेपी ने किया समर्थन


बंद के समर्थन में उतरे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अजय नंदा का दावा है कि कटरा में 40000 लोगों पर रोपवे से कामकाज छिन जाने का संकट मंडरा रहा है.


इस हड़ताल से घोड़े वाले, पिट्ठू वाले, होटल वाले, व्यापारी, होमस्टे करने वाले सब प्रभावित हुए हैं. कटरा में बंद का समर्थन कर रही संघर्ष समिति और प्रशासन इस मामले को लेकर आमने-सामने है, लेकिन बंद का असर श्रद्धालुओं के साथ-साथ व्यापार पर भी पड़ रहा है. 


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