Karnataka Hijab Controversy: कर्नाटक के कई हिस्सों में हिजाब पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ कॉलेजों में हो रहे प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत ‘आम बात हो गयी है और अब हम विविधता का सम्मान नहीं करते हैं.’’
अब्दुल्ला सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो पर टिप्पणी कर रहे थे. वीडियो में कुछ पुरुषों को हिजाब पहनी एक महिला के साथ ‘बसलूकी’ करते और कर्नाटक के एक कॉलेज में नारेबाजी करते देखा जा सकता है.
वीडियो को टैग करते हुए अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, ‘‘कितने बहादुर हैं ये पुरुष और एक अकेली लड़की को निशाना बनाते हुए उन्हें कैसे पुरुषार्थ का अनुभव हो रहा है. मुसलमानों के लिए नफरत आज भारत की मुख्यधारा में है और सामान्य बात हो गयी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हम वह देश नहीं रह गए हैं जिसे अपनी विविधता पर गर्व था. हम लोगों को इसकी (विविधता) सजा देना चाहते हैं और उन्हें इससे बाहर निकालना चाहते हैं.’’
हिजाब मुद्दे को लेकर कर्नाटक के उडुपी, शिवमोगा, बगलकोटे और अन्य हिस्सों में स्थित कुछ शिक्षण संस्थानों में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद पुलिस और प्रशासन को हस्तक्षेप करने की भी जरुरत पड़ी. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कॉलेज में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के खिलाफ उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की पांच छात्राओं द्वारा दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई की.
कब शुरू हुआ ये विवाद
यह विवाद जनवरी में उस वक्त शुरू हुआ जब उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कक्षा में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज परिसर से बाहर चले जाने को कहा गया. यह मुद्दा अब राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी फैल गया है. दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा समर्थित युवा हिन्दू भगवा गमछा डालकर इस मामले में कूद पड़े हैं. गौरतलब है कि भगवा गमछा डालने वाले छात्रों को भी कक्षाओं में नहीं बैठने दिया जा रहा है.
इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. राज्य में सत्तासीन बीजेपी कॉलेज द्वारा लगाए गए वर्दी संबंधी नियमों का समर्थन कर रही है. वहीं विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि हिजाब विवाद युवाओं के दिमाग में जहर भरने की साजिश है.
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