Sufi Saint Nanga Baji Sahib Urs: नंगा बाजी साहिब के उर्स पर राजौरी पहुंचे हजारों लोग, गरीबों के थे मददगार और देते थे एकता का संदेश
हजरत सईद गुलाम रसूल को नंगा बाजी साहिब के रूप में भी जाना जाता है. नंगा बाजी साहिब के उर्स के मौके पर राजौरी के कालाकोट के ब्रेवी गांव में हजारों लोग पहुंचकर उन्हें अकीदत पेश कर रहे हैं.
Sufi Saint Nanga Baji Sahib Urs: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आज हजरत सईद गुलाम रसूल शाह का सालाना उर्स मनाया जा रहा है, जहां हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं. हजरत सईद गुलाम रसूल को नंगा बाजी साहिब के रूप में भी जाना जाता है. नंगा बाजी साहिब के उर्स के मौके पर राजौरी के कालाकोट के ब्रेवी गांव में हजारों लोग पहुंचकर उन्हें अकीदत पेश कर रहे हैं. गौरतलब है कि नंगा बाजी साहिब के उर्स को उनके पोते सूफी संत सैयद मुजफ्फर हुसैन शाह के घर पर मनाया जाता है, जो ब्रेवी कालाकोट के बाजी साहब के रूप में लोकप्रिय हैं.
उनके उर्स के मौके पर कुरान और नात का पाठ होता है. इस दौरान राज्य और देश में अमन-शांति के लिए दुआएं की जाती हैं. सूफी संत हजरत नंगा बाजी साहिब मूलरूप से बांदीपोरा के ग्राम मलंगम के रहने वाले थे और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के थे. यही कारण है कि उर्स के दौरान हजारों की संख्या में लोग उनके दरबार में हाजिरी लगाते हैं. कोरोना काल में भी इस साल हजारों लोग उनके उर्स के मौके पर पहुंचे हैं.
गरीबों के लिए मददगार थे नंगा बाजी साहिब
कहा जाता है कि नंगा बाजी साहिब गरीबों के लिए मददगार थे और उन्होंने जीवन भर लोगों के बीच एकता बनाए रखने का संदेश दिया. उनके पोते बाजी सैयद मुजफ्फर हुसैन शाह का भी लोग काफी सम्मान करते हैं. बाजी साहब के नाम से लोकप्रिय सूफी संत समाज की सेवा करते रहे हैं. नंगा बाजी साहिब के मौके पर पहुंचने वाले लोग यहां सामुदायिक भोजन का भी आनंद लेते हैं.
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