Tablighi Jamaat News: सऊदी अरब द्वारा तबलीगी जमात पर बैन लगाने के बाद से ही सऊदी इस्लामी विद्वानों के निशाने पर है. जहां पहले दारुल उलूम ने एतराज जताया था, वहीं अब जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम स्कॉलर्स ने सऊदी अरब से इस बैन को हटाने की अपील की है. इस्लामी विद्वानों के संगठन मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) ने एक बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सऊदी अरब से उसके फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा गया है.
बैन हटाने की मांग
मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा ने एक बयान में कहा, 'बैठक में पेश प्रस्ताव के मुताबिक, धार्मिक संगठन तबलीगी जमात पर सऊदी अरब सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर गहरी चिंता जताई गई. साथ ही सऊदी सरकार से उसके फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया गया.'
दारुल उलूम ने जताया ऐतराज
वहीं इधर इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने भी सऊदी अरब सरकार के तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाए जाने पर ऐतराज जताया है. दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि सऊदी अरब सरकार अपने इस फैसले पर फिर से विचार करें क्योंकि तब्लीगी जमात पर लगाए गए आरोप बेबुनियादी हैं.
सऊदी अरब ने लगाया था बैन
गौरतलब है कि सऊदी अरब ने सुन्नी मुसलमानों के धार्मिक संगठन तब्लीगी जमात पर बैन लगाने का फैसला किया है. सऊदी प्रशासन ने तब्लीगी जमात को समाज के लिए खतरा और आतंकवाद का सबसे बड़ा द्वार करार दिया है.
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