(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jammu and Kashmir News: गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे का आज अंतिम दिन, श्रीनगर के इस गुरुद्वारे में टेकेंगे मत्था
Amit Shah News : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर दौरे का आज अंतिम दिन है. बुधवार को वो चार कार्यक्रमों में शामिल होंगे, इसमें एक जनसभा और एक गुरुद्वारे में मत्था टेकना भी शामिल है.
श्रीनगर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) के दौरे पर हैं. बुधवार को उनके दौरे का तीसरा और अंतिम दिन है.आज वो चार कार्यक्रमों में शामिल होंगे. अमित शाह ने अपने दौरे की शुरूआत सोमवार को माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi)के दर्शन से की थी. राजौरी में एक रैली में उन्होंने गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों को आरक्षण देने के संकेत दिए थे. आइए जानते हैं कि अमित शाह का बुधवार को क्या कार्यक्रम है और वो किन कार्यक्रमों में शामिल होंगे.
अमित शाह का आज का कार्यक्रम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बुधवार सुबह 10 बजे श्रीनगर स्थित राजभवन में राज्य की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि शाह के दौरे के दौरान ही राज्य के डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या कर दी गई.
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री @AmitShah जी के जम्मू-कश्मीर में सार्वजनिक कार्यक्रम।
— Office of Amit Shah (@AmitShahOffice) October 4, 2022
दिनांक: 5 अक्टूबर 2022 pic.twitter.com/2dEtIySAl5
राज्य के सुरक्षा हालात की समीक्षा के बाद गृहमंत्री अमित शाह सुबह 11 बजे बारामूला में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले उन्होंने रजौरी में भी एक सभा को संबोधित किया था.जनसभा के बाद अमित शाह गुरुद्वारा छठी पातशाही में मत्था टेकने जाएंगे. इसके बाद वो साढ़े तीन बजे श्रीनगर में विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.
प्रदेश से धारा 370 हटाए जाने के बाद अमित शाह दूसरी बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए हैं.जबकि जम्मू का यह उनका पहला दौरा है. इससे पहले अक्टूबर 2021 में वो कश्मीर दौरे पर गए थे. पहले अमित शाह का जम्मू दौरा 30 सितंबर के लिए तय था,लेकिन बाद में उसमें बदलाव किया गया.
पहाड़ी समुदाय को आरक्षण
मित शाह ने राजौरी की जनसभा में कहा था कि जल्द ही गुर्जर,बकरवाल और पहाड़ी समुदायों को आरक्षण दिया जाएगा. इसकी तैयारी हो गई है. इसके लिए कमीशन ने अपनी सिफारिशें भेज दी हैं.शाह की इस घोषणा को बड़ा राजनीतिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि राजौरी, हंदवाड़ा,पुंछ और बारामूला में पहाड़ी लोगों की बड़ी आबादी है. इस समुदाय का पांच जिलों की 10 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है.शाह ने इस रैली में कहा था कि 70 साल तक जम्मू-कश्मीर पर तीन परिवारों ने राज किया. लोकतंत्र सिर्फ अपने परिवारों में बना दिया था. तीन परिवारों ने लोकतंत्र और जम्हूरियत का मतलब सिर्फ पीढ़ियों तक शासन करना बना दिया था.
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