J &k News: लद्दाख में इस दिन पूर्ण बंद का आह्वान, संवैधानिक सुरक्षा समेत ये हैं मांगें
लद्दाख के दो प्रमुख राजनीतिक समूहों ने 13 दिसंबर को क्षेत्र में पूर्ण बंद का आह्वान किया है.इन समूहों के मुताबिक संवैधानिक सुरक्षा के आश्वासन को लागू करने में केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए.
जम्मू: संवैधानिक सुरक्षा के अपने आश्वासन को लागू करने में केंद्र सरकार की विफलता के खिलाफ लद्दाख के दो प्रमुख राजनीतिक समूहों ने 13 दिसंबर को क्षेत्र में पूर्ण बंद का आह्वान किया है. इस क्षेत्र के दो प्रमुख समूहों में कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) और एपेक्स बॉडी लेह ने पहले 06 दिसंबर के लिए बंद का आह्वान किया था, जिसे बाद में यूटी सरकार द्वारा आश्वासनों को लागू करने का भरोसा देने के बाद वापस ले लिया गया था.
अक्टूबर वार्ता के बाद और बयानों के क्रियान्वयन में कोई प्रगति न देखते हुए अब क्षेत्रीय नेताओं द्वारा बंद के लिए एक नई तारीख 13 दिसंबर की घोषणा की गई है. बंद के आह्वान को सफल बनाने के लिए गठबंधन ने शुक्रवार को लद्दाख में एक बैठक की और क्षेत्र के सभी हितधारकों से सहयोग मांगा.
13 दिसंबर को बंद का किया गया है आह्वान
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पूर्व सदस्य सांसद, थुपस्तान चेवांग ने कहा कि हितधारकों के साथ बैठक की गई थी. बैठक में ट्रांसपोर्टर, टूरिस्ट ऑपरेटर, होटल और रेस्तरां एसोसिएशन, टूर ऑपरेटर और टैक्सी ऑपरेटर शामिल थे. उन्होंने पूरे चक्का जाम के साथ क्षेत्र में बंद को सफल बनाने के लिए 13 दिसंबर को समर्थन देने का आश्वासन दिया है.
बंद के दौरान कुछ वर्गों को दी गई है छूट
बंद के दौरान कुछ वर्गों को छूट दी गई है जिसमें हवाई अड्डे के यात्रियों को निर्धारित उड़ानें, सेना के वाहन, परीक्षा में बैठने वाले छात्र, केमिस्ट और एम्बुलेंस शामिल हैं, जबकि किसी भी अन्य वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी. वहीं संस्थापक सदस्य ने कहा कि, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि सब कुछ सामान्य हो और बंद को बिना किसी नुकसान व किसी भी अप्रिय घटना के सफल किया जा सके इस हेतु, शिया, सुन्नी, बौद्ध और ईसाई सहित सभी धार्मिक समूहों के युवा हर बिंदु पर समग्र स्थिति की निगरानी करेंगे."
उन्होंने कहा कि बंद का उद्देश्य सरकार और गृह मंत्रालय को विशेष रूप से उन आश्वासनों के बारे में याद दिलाना है जो उन्होंने क्षेत्रीय नेताओं के साथ क्षेत्र में संवैधानिक सुरक्षा के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए दिए थे.
आश्वासन के बावजूद सरकार ने नहीं उठाए कोई ठोस कदम
पूर्व मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय नेताओं से बातचीत के आश्वासन के बावजूद सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस या गंभीर कदम नहीं उठाया गया है.उन्होंने बताया कि केडीए कल कारगिल में सभी हितधारकों से मिलने और उनसे (हितधारकों) समर्थन के बारे में विवरण साझा करने और लद्दाख बंद को सफल बनाने के लिए निर्धारित है. विशेष रूप से, दोनों समूहों ने चार-सूत्रीय मांग पर सहमति व्यक्त की है जिसमें लेह और कारगिल के जुड़वां जिलों के लिए अलग-अलग सदस्य संसद सीटों के अलावा पूर्ण राज्य का दर्जा, नौकरी नीति, संवैधानिक और भूमि सुरक्षा शामिल है. दोनों समूहों ने गृह राज्य मंत्री के साथ एक बैठक भी की थी, जिसके दौरान उन्हें क्षेत्र से एक संयुक्त टीम और केंद्रीय मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति के गठन के बारे में आश्वासन दिया गया था. इस समीति का काम मांगों को देखना और क्षेत्र के लिए संवैधानिक सुरक्षा की संभावनाएं उत्पन्न करना था.
ये भी पढ़ें