Jammu Kashmir News: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव की संभावनाओं के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को पार्टी छोड़ दी.


एक ट्वीट में विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि "जम्मू-कश्मीर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी सोच कांग्रेस से नहीं मिलती. पार्टी जमीनी हकीकत से दूर है."



कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह, इससे पहले महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में थे. साल 2018 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया था. साल  1964 में जन्मे विक्रमादित्य सिंह, जम्मू-कश्मीर के एक सधे हुए नेता माने जाते हैं. इन्होंने माधवराव सिंधिंया की बेटी चित्रांगदा सिंधिंया से शादी की है.


इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा, “मैं 2018 में कांग्रेस में इस उम्मीद के साथ शामिल हुआ कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की जनता की आकांक्षाओं पर कदम उठाएगी. मैंने संगठनात्मक परिवर्तनों का सुझाव दिया, लेकिन जब मैंने 2-3 साल बाद कोई बदलाव नहीं देखा तो परेशान था.”


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “कांग्रेस के साथ मेरी विचार प्रक्रिया मेल नहीं खा रही थीं. चाहे वह पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक का समर्थन करना हो या अनुच्छेद 370 या 35A को निरस्त करने का समर्थन करना हो... यह केवल जम्मू-कश्मीर के बारे में नहीं है, यह राष्ट्रीय हितों के बारे में भी है. कांग्रेस ने कोई जवाब नहीं दिया.”


विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “G23 में कांग्रेस के कई कुशल नेता हैं, उनकी उपेक्षा करना एक बड़ी भूल है। यदि आप समय के साथ नहीं बदलते हैं, सार्वजनिक और युवा आकांक्षाओं को ध्यान में नहीं रखते हैं तो आप फीके पड़ जाएंगे। आलाकमान को सुझाव देने के लिए कोई ग्रुप उभरा है तो पार्टी को सहयोग करना चाहिए.”


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