जम्मू: पाकिस्तान ने इस साल सीमा पर युद्धविराम उल्लंघन के पिछले सालो के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. वहीँ, जम्मू कश्मीर सरकार ने सीमावर्ती इलाक़ों में रह रहे गांव वालों को इस गोलीबारी से बचाने के लिए बंकर बनाने के काम भी तेज़ कर दिया है.


पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी कर सेना और बीएसएफ की अग्रिम चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है. जम्मू कश्मीर सरकार ने करीब 2 साल पहले सीमावर्ती गांव के लोगों को पाकिस्तान की फायरिंग से बचाने के लिए सीमा पर बंकर बनाने का काम शुरू किया था.


80 प्रतिशत से अधिक बंकर बनकर तैयार
जम्मू के मंडलायुक्त संजीव वर्मा के मुताबिक अब तक 80 प्रतिशत से अधिक बंकर बनकर तैयार हो चुके हैं. उनके मुताबिक अब तक जम्मू में पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जम्मू ज़िले में 1320 प्रस्तावित बंकरो में से 1098 बंकर बन कर तैयार है. वहीँ, साम्बा ज़िले में 2130 प्रस्तावित बंकरो में से 1522 बन कर तैयार है जबकि कठुआ में 2126 बंकरों में से 1427 तैयार है.


इन जगहों पर भी बन रहे हैं बंकर
अगर बात एलओसी की तो जम्मू के राजौरी ज़िले में 3141 प्रस्तावित बंकरो में से 2483 बन कर तैयार है जबकि पुंछ ज़िले में 1188 में से 904 बंकर बन कर तैयार हैं. प्रदेश सरकार ज़रुरत के हिसाब से कम्युनिटी बंकरों और इंडिविजुअल बंकरों को बनाने का काम इस समय कर रही है. हालांकि, सीमा पर इन बंकरों की ज़रुरत पिछले करीब दो दशकों से थी, लेकिन तब की सरकारों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया.


जम्मू के आरएसपुरा के अब्दुल्लियां गांव के अवतार चौधरी ने अपने घर में बंकर 18 साल पहले उस समय बनवाया जब उनके पिता पाकिस्तानी गोली से घायल हो गए. अशोक चौधरी के मुताबिक उन्होंने यह बंकर 18 साल पहले अपने खर्चे पर बनवाया और उस समय इस बंकर में पूरा गांव शरण लेता था. उनके मुताबिक करीब 18 साल बाद अब गांव में बंकर बनाये जा रहे हैं, जिससे यहां के किसानों और आम जनता को काफी राहत मिलेगी.


सरकार के इस कदम से लोग खुश
सरकार के इस कदम से जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग काफी खुश है. इन लोगों का कहना है कि जब पाकिस्तान फायरिंग करता है तो किसी को संभलने का मौका नहीं मिलता और ऐसे में कच्चे मकानों के पास बने यह बंकर किसी वरदान से कम नहीं हैं. गांव वालों ने सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान की इस फायरिंग में उनके पशुओं का भी नुकसान होता है और अब सरकार को इसकी तरफ भी ध्यान देना चाहिए.


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