जम्मू: इस साल की अमरनाथ यात्रा होगी या नहीं इस पर अंतिम फैसला मंगलवार 21 जुलाई को होने की उम्मीद है. बाबा अमरनाथ यात्रा का संचालन करने वाले श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन और प्रदेश के उप-राज्यपाल जीसी मुर्मू ने मंगलवार को इस बाबत बैठक बुलाई है. वहीं यात्रा को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण सोमवार को जम्मू में लोगों ने प्रदर्शन किया.


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस साल की अमरनाथ यात्रा को फिलहाल शुरू करने को लेकर कोई औपचारिक एलान नहीं हुआ है. इस साल यह यात्रा 23 जून से शुरू होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते जुलाई के तीसरे हफ्ते तक भी इस यात्रा के शुरू करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है.


वहीं, इस यात्रा को करवाने को लेकर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमेन और प्रदेश के उप-राज्यपाल मुर्मू ने मंगलवार शाम 4 बजे अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्यों की बैठक बुलाई है. हर साल होने वाली इस यात्रा पर जारी असमंजस के कारण बाबा बर्फानी के भक्तों का इंतजार बढ़ता जा रहा है.


फैसले के बिना भी प्रशासन तैयारियों में जुटा


गौरतलब है कि इस साल की अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थी, जहां प्रशासन प्रदेश में आने वाले सभी शिवभक्तो को क्वारंटाइन किया जायेगा और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें जम्मू की तरफ जाने की इजाज़त होगी.


वही, प्रशासन ने प्रदेश में आने वाले शिवभक्तों के रहने, खाने समेत सभी ज़रूरी सुविधाओं को पहले से ही सुनिश्चित कर दिया है.


उधर, अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रदेश में सुरक्षाबलों ने भी कमर कस ली है. जम्मू में यात्रा के बेस कैंप से लेकर यात्रा मार्ग और यात्रियों के ठहरने के स्थानों पर सुरक्षा बलो की तैनाती कर दी गयी है.


संशय खत्म करने को लेकर जम्मू में प्रदर्शन


दूसरी तरफ यात्रा को लेकर बनी संशय की स्थिति को ख़त्म करने की मांग को लेकर जम्मू में लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इस साल अगर इस यात्रा का आयोजन किया जाता है तो कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के उपायों को सख्ती से लागू किया जाये.


जम्मू में डोगरा फ्रंट के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि जम्मू में प्रशासन ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए इसी सप्ताह के अंत से वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा की है, तो वहीं यात्रा को शुरू करने के कयास लगाए जा रहे है.


प्रदर्शनकरियों ने कहा कि इस यात्रा को मौजूदा स्थिति में करने से लॉकडाउन की धज्जिया उड़ जाएंगी और कोरोना के संक्रमण के बढ़ने का खतरा बना रहेगा. डोगरा फ्रंट ने मांग की कि इस साल इस यात्रा की पारंपरिक छड़ी मुबारक को ले जाया जाये और बाबा के भक्तों को कम से कम संख्या में इस यात्रा पर जाने की इजाज़त दी जाये.


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