Student Organizations Protest In Jharkhand: झारखंड में 1932 आधारित खतियान के आधार पर स्थानीय नियोजन नीति लागू करने कि मांग को लेकर अलग-अलग छात्र संगठनों ने 19 अप्रैल यानी बुधवार को राज्य बंद का आह्वान किया है. इसी कड़ी में मंगलवार को धनबाद (Dhanbad) में छात्र संगठनों ने मशाल जुलूस निकालकर नारेबाजी की और झारखंड बंद को सफल बनाने का आह्वान किया. झारखंड के स्थानीय मूलवासी झारखंडी छात्र संघों ने सूबे में 1932 आधारित खतियान के अनुरूप नियोजन नीति लागू करने कि मांग रखी है.
झारखंडी छात्र बीते चार महीनों से इसको लेकर मांग करते आ रहे हैं और सोशल मीडिया के जरिए अपनी मांगों का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. इसका असर भी देखा जा रहा है. भारी संख्या में स्थानीय छात्र और उससे जुड़े संगठन खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग के समर्थन में आगे आ रहे हैं. छात्रों का कहना है कि वर्तमान सरकार 60-40 के फॉर्मूले पर नियोजन नीति को लागू कर रही है जो यहां के स्थानीय मूलवासी के भावनाओं के साथ खिलवाड़ है. छात्रों का आरोप है कि जेएमएम-कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में भी 1932 आधारित खतियान के आधार पर नियोजन नीति लाने कि बात कही थी, लेकिन आज ठगने का काम किया जा रहा है.
सरकार की ओर से अब तक पहल नहीं
सूबे के तमाम झारखंडी छात्र संगठन अब आंदोलन की राह पर है. बीते कई महीनों से 1932 आधारित खतियान के आधार पर नियोजन नीति की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार की ओर से कोई पहल नहीं हुई. लिहाजा ये छात्र संगठन अब आंदोलन कर अपनी मांगों को मनवाने को आतुर हैं. मंगलवार को अलग-अलग छात्र संगठनों ने धनबाद डीआरएम चौक से मशाल जुलूस निकाल कर नारेबाजी की और 19 अप्रैल के झारखंड बंद को सफल बनाने की लोगों से अपील की. धनबाद के साथ-साथ राज्य भर के कई जिलों में इसी तरह से मशाल जुलूस निकाल कर बंद को सफल बनाने और आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने की मांग की गई.
60-40 के फॉर्मूले पर नियोजन नीति को मिली है हरी झंडी
झारखंड में 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति को लेकर सरकार के सहयोगी दलों में मतभेद है. जेएमएम जहां 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति की पक्षधर है तो वहीं कांग्रेस इसके पक्ष में नहीं है. बीते दिनों इन तमाम विवादों को लेकर भी चर्चा का बाजार गर्म रहा और सरकार ने 60-40 के फॉर्मूले पर नियोजन नीति को हरी झंडी दिखा दी, जिसका झारखंड के स्थानीय छात्र संगठन विरोध कर रहे हैं.
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