Tabrez Ansari Lynching Case: तबरेज अंसारी लिंचिंग मामले में सभी दस दोषियों को 10 साल की सजा, 4 साल बाद आया फैसला
Jharkhand: 17 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के संदेह में तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर दी थी, इसके बाद दो दिन बाद उसकी मौत हो गई थी. वहीं अब इस मामले में कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है.
Jharkhand News: झारखंड के बहुचर्चित माब लिंचिंग तबरेज अंसारी (Tabrej Ansari Lynching) की मौत मामले में आज चार बजे सरायकेला कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. दरअसल, सरायकेला कोर्ट ने सभी दस दोषियों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत 10 साल कैद की सजा सुनाई है. दोषियों में भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महाली, महेश महाली को कस्टडी (Custody) में ले लिया गया है.
2019 Tabrez Ansari lynching case | All ten convicts sentenced to 10-year imprisonment by Seraikela court under section 304 (culpable homicide not amounting to murder) of IPC. Details awaited. #Jharkhand pic.twitter.com/tblKyzAb8Q
— ANI (@ANI) July 5, 2023
चोरी के संदेह में तबरेज की कर दी गई थी पिटाई
18 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के संदेह में तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर दी थी. जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया था. जहां से उसे मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. जहां तबियत बिगड़ने पर 21 जून को तबरेज को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसी क्रम में 22 जून 2019 को इलाज के दौरान तबरेज की मौत हो गई थी. पुलिस ने मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. मुख्य आरोपी पप्पु मंडल को छोड़ सभी 12 आरोपी जमानत पर थे.
बचाव पक्ष ने दी यह दलील
उधर, बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा ने बताया कि पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है. तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी. इसे दुष्प्रचारित किया गया है. राजनीति और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कानून पर भरोसा है न्याय जरूर मिलेगा.