Jharkhand news: झारखंड की राजधानी रांची में स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) में कर्मचारियों के द्वारा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था, जिसमें उन्होनें एक गंभीर आरोपी की फर्जी कोविड रिपोर्ट बनाने में पूरी सहायता की थी. मिड डे मिल घोटाले के आरोपी संजय कुमार त्रिपाठी की फर्जी कोविड (Covid) जांच रिपोर्ट जारी करवाने के आरोप में पुलिस द्वारा माइक्रोबायोलाजी विभाग से 3 दोषियों को गिरफ्तार कर लिया है.  आरोपी संजय कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर धोखा देने का उल्लेख किया गया था. पुलिस आरोपी संजय को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है.  


इन मामलों का है आरोप
संजय कुमार तिवारी भानु कंस्ट्रक्शन का संचालक है और 100 करोड़ रुपये से अधिक के मध्याह्न भोजन घोटाले से संबंधित ईडी के एक मामले में आरोपी हैं. साथ ही संजय कुमार त्रिपठी पर रांची के अरगोड़ा थाने में जालसाजी के 2 अलग-अलग मामले भी दर्ज हैं. वहीं 1 मामला उसके 5 एसयूवी गाड़ियों का है जो उसके फर्जी नंबर के साथ उसके ठिकानों से जब्त की गई थीं. राष्ट्रीय राजमार्ग पर फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल करने पर जालसाजी का मामला राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भी इसपर दर्ज करवाया गया था. कोर्ट के द्वारा आरोपी पर गैर जमानती वारंट भी जारी किया जा चुका है.


फर्जी रिपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार
रांची पुलिस ने मिड डे मिल घोटालों के आरोपी संजय कुमार तिवारी नाम के व्यक्ति को फर्जी कोविड जांच रिपोर्ट जारी करने के आरोप में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एक डेटा ऑपरेटर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. रिम्स चिकित्सा अधीक्षक ने यह शिकायत बरियातू थाना में दर्ज कराया था. रिम्स के आधीक्षकों ने पुलिस को बताया की मइक्रोबायोलाजी विभाग के नाम से जो कोविड टेस्ट रिपोर्ट बनावाया गया वह फर्जी है. पुलिस आरोपी संजय कुमार तिवारी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है. 


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