Birsa Agricultural University Ranchi: झारखंड (Jharkhand) के एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय (Agricultural University) में बिरसा जयंती का आयोजन किया गया. समारोह झारखंड के पारंपरिक रीति रिवाज, सांस्कृतिक धरोहर एवं आदिवासी पहचान पर केंद्रित था. 'उलगुलान' क्रांति पर आधारित सांस्कृतिक शोभा यात्रा समारोह के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा. परिसर में बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की प्रतिमा पर कुलपति, पदाधिकारियों, कर्मचारियों और छात्रों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. मुख्य समारोह विश्वविद्यालय के आरएसी सभागार में आयोजित किया गया और इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति डॉ ओंकारनाथ सिंह ने किया.


39 बिरसा किसानों को किया गया सम्मानित 
डॉ ओंकारनाथ सिंह ने राज्य के 39 बिरसा किसानों को विभिन्न उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र एवं शॉल देकर सम्मानित किया. इस दौरान विश्वविद्यालय की तरफ से विकसित 8 फसलों की 10 उन्नत किस्मों को राज्य के किसानों को समर्पित करने की घोषणा भी की गई. फसलों की इन किस्मों को केंद्रीय एजेंसी की तरफ से हाल ही में मान्यता दी गई थी. बिरसा जयंती मौके पर छात्राओं ने लोकगीतों पर नृत्य भी किया. 


ये होगी भगवान बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि
कुलपति ने विशेष व्याख्यान एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन के लिए छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के महानायक भगवान बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब प्रदेश के किसानों की दशा और दिशा में सुधार होगा. उन्होंने ये भी कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद विश्वविद्यालय के छात्रों ने शोध एवं प्रसार के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित की है. उन्होंने राज्य में कृषि शिक्षा के विस्तार के बारे में बोलते हुए कहा कि कृषि शिक्षा के महत्व को लोगों के बीच पहुंचाना होगा.  



ये भी पढ़ें:


Birsa Munda News: जानें- किस पहाड़ पर बिरसा मुंडा ने लड़ी थी अंतिम लड़ाई, तीरों से किया था बंदूक और तोप का मुकाबला 


Naxalite Prashant Bose: जानें- कौन है एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर प्रशांत बोस, पुलिस को 4 दशकों से थी तलाश