Jharkhand: बालू की किल्लत से 5 हजार करोड़ के कन्स्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर लगी ब्रेक, जानें कैसे है हालात
Ranchi News: झारखंड में बालू की किल्लत से हालात गंभीर हो गए हैं. बालू की कमी से रांची सहित पूरे राज्य में प्राइवेट बिल्डर्स के काम प्रभावित हुए हैं. कई प्रोजेक्ट्स का काम रुक गया है.
Construction Projects Affected in Jharkhand Due to Sand Shortage: झारखंड (Jharkhand) में बालू (Sand) की जबर्दस्त किल्लत ने तकरीबन 5 हजार करोड़ की सरकारी और प्राइवेट कन्स्ट्रक्शन योजनाओं (Construction Projects) पर ब्रेक लगा दी है. आलम ये है कि रांची (Ranchi) में स्मार्ट सिटी (Smart City) और फ्लाईओवर के साथ-साथ राज्य भर में गली-नाली तक के निर्माण का कार्य रुक गया है. मानसून समाप्त होने के पहले इस समस्या के दूर हो पाने के आसार नहीं हैं. ऐसे में आगामी 4 महीनों तक राज्य में कन्स्ट्रक्शन के काम पूरी तरह ठप पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
विधानसभा में उठा था मुद्दा
राज्य में बालू घाटों की नीलामी ना होने की वजह से ये हालात पैदा हुए हैं. राज्य सरकार ने बीते मार्च महीने में बालू घाटों की नीलामी कराने का एलान किया था, लेकिन खनन विभाग तकनीकी वजहों से समय पर इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया. विधानसभा में मुद्दा उठा था तब सरकार ने बीते 9 मार्च को आधिकारिक तौर पर कहा था कि 15 दिनों के अंदर बालू घाटों के टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. इसके बाद 9 अप्रैल को राज्य में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने से राज्य में सभी प्रकार के टेंडर पर रोक लग गई. हालांकि 31 मई को पंचायत चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद आदर्श आचार संहिता निष्प्रभावी हो गई है, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के तहत मानसून सीजन में पर्यावरण ²ष्टि से 10 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू का उठाव नहीं किया जा सकता.
ठप पड़ सकता है कन्स्ट्रक्शन का काम
रांची के बालू कारोबारी एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप सिंह का कहना है कि पूरे राज्य में बालू कारोबारियों का 90 प्रतिशत स्टॉक खत्म हो चुका है. बालू घाटों की नीलामी ना होने तक झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने ऑनलाइन बालू परमिट देने की जो वैकल्पिक व्यवस्था की थी, उससे बाजार की डिमांड के अनुसार बालू उपलब्ध कराना पहले भी संभव नहीं हो पा रहा था और अब एनजीटी के आदेश के चलते 10 जून से बालू का उठाव पूरी तरह बंद हो जाएगा. सरकार मॉनसून के पहले हर साल कारोबारियों को स्टॉकिस्ट लाइसेंस उपलब्ध कराती थी, लेकिन इस बार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लाइसेंस जारी नहीं किए गए. ऐसे में अगर कोई समुचित व्यवस्था नहीं हुई तो पूरे राज्य में कन्स्ट्रक्शन का काम पूरी तरह ठप पड़ सकता है.
समय पर पूरे नहीं होंगे काम
रांची में स्मार्ट सिटी का निर्माण करा रही एजेंसी झारखंड अरबन डेवलपमेंट कंपनी लि. (जुडको) ने बालू की कमी की वजह से काम रुकने के बारे में पिछले महीने रांची के उपायुक्त को दो-दो बार पत्र लिखा, लेकिन इस समस्या को दूर करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका. इसी तरह रांची शहर के कांटाटोली में फ्लाईओवर का निर्माण का काम बंद हो गया है. निर्माण कार्य कर रही कंपनी दिनेश चंद अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने 24 माह में फ्लाईओवर का काम पूरा करने का करार जुडको के साथ किया है, लेकिन अब कंपनी का कहना है कि बालू नहीं मिलने की वजह से समय पर काम पूरा नहीं हो पाएगा.
चौगुनी कीमत पर मिल रहा है बालू
स्वास्तिक कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक गणेश तिवारी बताते हैं कि झारखंड में बालू की कमी से रांची सहित पूरे राज्य में प्राइवेट बिल्डर्स के काम प्रभावित हुए हैं. कई प्रोजेक्ट्स का काम रुक गया है, कालाबाजार में बालू चौगुनी कीमत पर मिल रहा है. जो लोग मजबूरी में कालाबाजार से बालू खरीद रहे हैं, उनके प्रोजेक्ट्स की लागत बढ़ गई है. अकेले रांची में ही कम से कम 200 प्राइवेट हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का काम प्रभावित हुआ है.
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