Jharkhand News: हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदले. 31 जनवरी को उनकी गिरफ्तारी हुई और फिर चंपई सोरेन (Champai Soren) ने 2 फरवरी को नए सीएम के रूप में शपथ ली. चंपई सोरेन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. इस बीच दो दिवसीय विधानसभा सत्र बुलाया गया है और सत्र के पहले दिन यानी 5 फरवरी को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा. चूंकि यह सवाल उठ रहा है कि क्या 10 दिन का जो समय बहुमत साबित करने के लिए दिया गया है वह विधायकों की खरीद-फरोख्त यानी हॉर्स ट्रेडिंग को तो बढ़ावा नहीं देगा. एबीपी और सीवोटर ने अपने सर्वे में जनता से इसी को लेकर सवाल पूछे हैं. उनसे साथ ही सवाल किया गया है कि क्या चंपई सोरेन को सीएम पद की शपथ दिलाने में जानबूझकर देरी की गई. इस पर लोगों की राय हैरान करने वाली है. जानते हैं क्या कहती है जनता...
क्या झारखंड में 10 दिन में बहुमत साबित करने का चैलेंज हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देगा? 50 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब 'हां' में दिया जबकि 25 फीसदी मानते हैं कि इससे ऐसा नहीं होगा. वहीं 25 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब 'कह नहीं सकते' में दिया है.
क्या झारखंड में 10 दिन में बहुमत साबित करने का चैलेंज हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देगा?
हां- 50%
नहीं- 25%
कह नहीं सकते- 25%
अगला सवाल यह पूछा गया कि चंपई सोरेन को शपथ दिलाने में क्या जानबूझकर देरी की गई थी. 47 फीसदी लोगों ने कहा कि जानबूझकर देरी की गई है जबकि 27 फीसदी का जवाब 'नहीं' था. वहीं 26 फीसदी लोगों ने 'कह नहीं सकते' में जवाब दिया है.
क्या चंपई सोरेन को सीएम पद की शपथ दिलाने में जानबूझकर देरी की गई?
हां- 47%
नहीं- 27%
कह नहीं सकते- 26%
(डिस्क्लेमर: बिहार-झारखंड में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक पारा गर्म है. इसी मुद्दे पर abp न्यूज़ के लिए C-VOTER ने त्वरित सर्वे किया है. इस सर्वे में 1 हजार 299 लोगों की राय ली गई है. सर्वे 3 फरवरी 2024 को किया गया. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसद है.)
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