Jharkhand News: झारखंड के साहिबगंज में अवैध पत्थर माइनिंग का सरगना राजेश यादव उर्फ दाहू यादव 16 महीनों से प्रदेश पुलिस के साथ ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों के लिए चुनौती बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट तक ने उसे अगस्त महीने में दो हफ्ते के भीतर ईडी कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था, लेकिन वह अब तक फरार है. इस बीच सीबीआई की टीम ने मंगलवार को उसके आवास पर दबिश दी. लगभग 40 मिनट तक सीबीआई की टीम रुकी और छानबीन के बाद लौट गई. 


दरअसल, अवैध खनन मामले में दाहू यादव के खिलाफ ईडी अदालत में चार्जशीट फाइल कर चुकी है. उसके घर की कुर्की हो चुकी है. पुलिस की टास्क फोर्स उसकी गिरफ्तारी के लिए अब तक 100 से भी ज्यादा छापेमारी कर चुकी है, लेकिन उसकी पहुंच से दूर है. 


अवैध माइनिंग का सबसे बड़ा सरगना


हालांकि, उसके भाई सुनील यादव को ईडी ने 26 अगस्त को गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में है. दाहू के पिता पशुपति यादव को भी अप्रैल महीने में गिरफ्तार किया गया था. वह फिलहाल जमानत पर जेल के बाहर हैं. साहिबगंज के शोभनपुर भट्ठा गांव का रहने वाला दाहू यादव तकरीबन एक हजार करोड़ के अवैध माइनिंग घोटाले का सबसे बड़ा सरगना है. इस घोटाले में ईडी ने दाहू यादव एवं अन्य के खिलाफ पहली बार 8 जुलाई 2022 को छापेमारी की थी.


साहिबगंज, राजमहल, बड़हरवा, मिर्जाचौकी और बरहेट में 18 ठिकानों पर दबिश दी गई. छापेमारी के दौरान 5.37 करोड़ कैश और बैंक खातों में जमा 11.88 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे. ईडी ने 30 करोड़ रुपये की कीमत का मालवाहक पानी जहाज भी जब्त किया था, जिसका संचालन मुख्य तौर पर दाहू यादव करता था. वह मालवाहक जहाज से अवैध तरीके से पत्थर व बालू को साहिबगंज से गंगा नदी के रास्ते बिहार और बंगाल भेजा करता था. पत्थर खनन ही नहीं, हत्या-अपहरण, लूटपाट और रंगदारी वसूली के दो दर्जन से भी ज्यादा आपराधिक मामलों में दाहू यादव का नाम आ चुका है. वह ईडी के समन पर आखिरी बार 18 जुलाई 2022 को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पेश हुआ था. अगले दिन मां की बीमारी का हवाला देकर उसने मोहलत मांगी. इसके बाद कई बार ईडी कोर्ट से समन जारी हुआ, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ.


दाहू यादव को नहीं है ED की परवाह 


ईडी ने जांच का दायरा बढ़ाया तो उसके अवैध कारोबार के बड़े साम्राज्य का पता चला. उसने अकूत संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की है. ईडी के बार-बार के समन के बाद भी जब पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुआ तो ईडी ने कोर्ट में कुर्की जब्ती के लिए अर्जी दी. कुर्की जब्ती रुकवाने के लिए दाहू यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन वह सामने नहीं आया. हाईकोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी. इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की, लेकिन यहां भी उसे राहत नहीं मिली. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अदालत ने दाहू यादव की याचिका खारिज करते हुए उसे 15 दिनों में ईडी कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था. उसने इस आदेश का भी पालन नहीं किया. इसके बाद दाहू यादव और उसके छोटे भाई जिला परिषद उपाध्यक्ष सुनील यादव के घर भी कुर्की जब्ती की गई. पुलिस दाहू यादव के बेटे राहुल यादव की भी तलाश कर रही है. रांची स्थित ईडी स्पेशल कोर्ट से राहुल की गिरफ्तारी के लिए महीनों पहले गैर-जमानती वारंट जारी हो चुका है. इस बीच झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर साहिबगंज के नींबू पहाड़ में अवैध खनन मामले की सीबीआई जांच बीते अगस्त महीने से शुरू हुई है. इस मामले में भी दाहू यादव की तलाश है. तब से लेकर अब तक सीबीआई की टीम पांच बार साहिबगंज आ चुकी है.


पुलिस संरक्षण में बदलता है ठिकाना


बीजेपी नेता ने पुलिस लगाए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर दाहू यादव के बारे में पूर्व में कई पोस्ट किए हैं. उन्होंने लिखा था कि साहिबगंज पुलिस और प्रशासन के लोग यह जानते हैं कि दाहू मुफसिल थाना के पहाड़ पर भारी संख्या में हथियारबंद लोगों के साथ मजे से रह रहा है. घूम रहा है. लोगों से मिलता-जुलता है. उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस की सुरक्षा में उसे इस पहाड़ से उस पहाड़ पहुंचाया जा रहा है.


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