Palamu Tiger Reserve में वर्षों बाद दिखा बाघ, वन कर्मियों की टीम रख रही है नजर, जानें- खास बात
Palamu Tiger Reserve में वर्षों बाद बाघ दिखने से वन अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर है. बाघ को उस वक्त देखा गया जब वो सड़क पार कर रहा था.
![Palamu Tiger Reserve में वर्षों बाद दिखा बाघ, वन कर्मियों की टीम रख रही है नजर, जानें- खास बात After years in Palamu Tiger Reserve tiger is seen crossing the road, know in details Palamu Tiger Reserve में वर्षों बाद दिखा बाघ, वन कर्मियों की टीम रख रही है नजर, जानें- खास बात](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/10/ac9f8379a3e91d1fa50bdff2d01a9420_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Jharkhand Palamu Tiger Reserve: झारखंड (Jharkhand) के पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) (Palamu Tiger Reserve) में वर्षों बाद सोमवार को एक युवा बाघ (Tiger) देखा गया जिसके बाद वन कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई. पीटीआर के क्षेत्रीय निदेशक कुमार आशुतोष (Kumar Ashutosh) ने न्यूज एजेंसी को मंगलवार को बताया कि सोमवार शाम अभयारण्य में एक युवा बाघ दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र अधिकारी तरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में वन रक्षियों के दल ने इस बाघ को उस वक्त देखा जब वो सड़क पार कर रहा था. उन्होंने कहा कि अभयारण्य में वर्षों बाद बाघ दिखने से वन अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर व्याप्त है.
10 फीट की दूरी से बाघ को देखा
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से भारत में मौजूद बाघों की संख्या में पलामू बाघ अभयारण्य में एक भी बाघ पाए जाने का उल्लेख नहीं था. झारखंड उच्च न्यायालय ने हाल में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि जब पीटीआर में कोई बाघ है ही नहीं तो उसे बाघ अभयारण्य कहने का क्या अर्थ है? आशुतोष ने बताया कि मेदिनीनगर-महुआडांड़ मार्ग में बाघ को वन दल ने लगभग 10 फीट की दूरी से देखा जो आराम से सड़क को पार कर एक जंगल से दूसरे जंगल में चला गया.
गश्त के दौरान दिखा बाघ
बाघ को देखते ही वन कर्मियों ने अपनी गाड़ियों को बंद कर दिया और उसके जाने के मार्ग पर नजर रखी. वन कर्मियों का ये दल नियमित गश्त पर था. निदेशक ने बताया कि बाघ के मल मूत्र-पद चिह्न को संकलित करने के लिए दक्ष वन रक्षियों को उसके आवागमन के रास्ते पर तैनात कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि ये अभयारण्य देश में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम (1972) के तहत उस समय से बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में सक्रिय है जब देश में एक साथ 9 बाघ परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया था.
'भेड़िया अभयारण्य' भी है
राज्य के लातेहार जिला अंतर्गत आने वाला पीटीआर कुल 1129.93 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और इसी के भीतर देश का एकमात्र ‘भेड़िया अभयारण्य’ भी है, जहां फिलहाल लगभग 100 भेड़िए हैं. ये अभयारण्य महुआडांड़ प्रखंड के 63.256 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. पीटीआर में कुल 174 प्रजातियों के पक्षी और 47 प्रजातियों के स्तनपायी जानवर पाए जाते हैं और इसके भीतर स्थित बेतला राष्ट्रीय उद्यान को गत एक अक्टूबर से आम लोगों के लिए खोला गया है.
ये भी पढ़ें:
Crime News: कुंवारा बताकर 8 बच्चों के पिता ने 8वीं की छात्रा से किया निकाह, फिर आया देह व्यापार वाला एंगल
Ind vs NZ T20: 19 नवंबर को रांची में होगी भारत और न्यूजीलैंड की भिड़ंत, जानें- कितने का है सबसे कम रेट वाला टिकट
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)