Jharkhand Politics News: झारखंड के पूर्व डिप्टी सीएम सह आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि, संभावनाओं वाले राज्य झारखंड को राज्य के मुखिया ने लेबर स्टेट बना दिया है. इस राज्य में देश का 40 फीसदी खनिज संपदा है, पर्यटन की असीम संभावना है, लेकिन राज्य सरकार ने प्रशासनिक पदाधिकारियों व कर्मियों की भूमिका बदलकर रख दी है. जिन्हें सरकार की योजनाओं को गांव व गरीब तक पहुंचाकर राज्य का विकास करना चाहिए था, वे जनता के धन को लूटने में लगे हैं.


दरअसल, मेदिनीनगर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति नगर भवन में रविवार को आयोजित आजसू पार्टी का पलामू प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन में सुदेश महतो ने कहा सितंबर के अंतिम या अक्तूबर के पहले सप्ताह में रांची में आजसू पार्टी का महासम्मेलन करने का निर्णय लिया है. इसमें पार्टी के केवल पदाधिकारी के साथ राज्य के प्रत्येक गांव से कार्यकर्ता व ग्रामीण भाग लेंगे. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने पार्टी के नेताओं से प्रत्येक दिन 20-30 किलोमीटर की यात्रा करने व प्रत्येक गांव में पिलर कार्यकर्ता खड़ा करने का टास्क दिया. झूठे वादों के सहारे वोट लेकर सरकार बनाने और फिर पलामू की ओर मुड़कर नहीं देखने का आरोप हेमंत सोरेन सरकार पर लगाते हुए सुदेश महतो ने कहा कि, वर्तमान सरकार के नेता जी हजूरी में लगे हैं. 


आजसू प्रमुख ने इन मुद्दों पर सरकार को घेरा


आगे उन्होंने कहा कि, आजसू पार्टी ने जब इस मुद्दे को उठाया तब सरकार ने पंचायत में शिविर लगाई, लेकिन अधिकारी आम ग्रामीणों के आवेदन रास्ते में फेंककर वापस लौटते मिले. स्कूल-कॉलेज में शिक्षक व अस्पताल में चिकित्सक की कमी पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए सुदेश महतो ने कहा कि यह सरकार पीढ़ी को कमजोर करने में लगी है. युवाओं को रोजगार देने में यह सरकार फेल हो गई है. स्थानीय की बात करने वाली सरकार ने शिक्षक बहाली के लिए पूरे भारत से आवेदन मांगा है. उन्होंने कहा कि अधिकार के लिए लोगों को आम लोगों को खड़ा होना होगा.


'राज्य में मची है लूट'


सम्मेलन में पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि पलामू की अकाल, बेरोजगारी व असुरक्षा के माहौल की चर्चा खूब होती है, लेकिन यहां की बौद्धिक क्षमता की चर्चा कम होती है. पलामू हमेशा नेतृत्व देता है इसे और मजबूत करने की जरूरत है. आजसू पार्टी के प्रदेश उपाधक्ष सह हुसैनाबाद क्षेत्र के पूर्व विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने कहा कि किसानों की परेशानी, बालू की लूट, योजनाओं में बंदरबांट की चर्चा करते हुए कहा कि पांच हजार रुपये रोज पर बालू उठाने की अनुमति दी जा रही है. ऐसा नहीं करने वालों को पकड़कर 50 हजार रुपये जुर्माना वसूल किया जा रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुक परेशान हैं. स्वच्छता अभियान की योजनाओं में भी लूट मची है. इस राज्य में हर कुछ बेचा जा रहा है.



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