Albert Ekka Birth Anniversary: अपने इस वीर की शौर्यगाथा पर पूरा झारखंड करता है गर्व, दुश्मन के घर में घुसकर मचाई थी तबाही
Jharkhand News: अल्बर्ट एक्का (Albert Ekka) की जयंती पर झारखंड के लोग उन्हें याद कर रहे हैं. अल्बर्ट एक्का ने 1971 के युद्ध में अपनी वीरता और अदम्य साहस का परिचय दिया था.
Jharkhand Albert Ekka Birth Anniversary: परमवीर चक्र विजेता (Param Vir Chakra) अल्बर्ट एक्का (Albert Ekka) की आज जयंती है. उनका जन्म 27 दिसंबर 1942 को झारखंड (Jharkhand) के गुमला (Gumla) जिले के जारी गांव (Jari Village) में हुआ था. अल्बर्ट एक्का ने 1971 के युद्ध में अपनी वीरता और अदम्य साहस का परिचय दिया था. 3 दिसंबर 1971 को अल्बर्ट एक्का शहीद हो गए थे. मरणोपरांत उन्हें देश की सर्वश्रेष्ठ सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. शहीद अल्बर्ट एक्का की वीरता पर पूरा झारखंड गर्व करता है.
याद कर रहे हैं लोग
अल्बर्ट एक्का की जयंती पर झारखंड के लोग उन्हें याद कर रहे हैं और श्रद्धांजलि दे रहे हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने भी अल्बर्ट एक्का को श्रद्धांजलि दी है. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, '1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में अपने अदम्य साहस और वीरता से पाकिस्तान को धूल चटाने वाले, मां भारती की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित अमर बलिदानी लांसनायक अल्बर्ट एक्का की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन.'
1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में अपने अदम्य साहस और वीरता से पाकिस्तान को धूल चटाने वाले, माँ भारती की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले परमवीर चक्र से सम्मानित अमर बलिदानी लांसनायक अल्बर्ट एक्का की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन।#AlbertEkka pic.twitter.com/zImKB70HNV
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 27, 2021
शत-शत नमन
अल्बर्ट एक्का की जयंती पर झारखंड सरकार में मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि, 'झारखण्डी माटी के वीर सपूत, महान योद्धा, परमवीर चक्र से सम्मानित, लांस नायक अल्बर्ट एक्का जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन.'
झारखण्डी माटी के वीर सपूत, महान योद्धा, परमवीर चक्र से सम्मानित, लांस नायक अल्बर्ट एक्का जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन। pic.twitter.com/gzPFmfmt7I
— Champai Soren (@ChampaiSoren) December 27, 2021
लड़ी 1962 की जंग
अल्बर्ट एक्का के पिता जुलियस भी सेना में थे. जब वो रिटायर हुए तो, उनकी मंशा थी कि उनका पुत्र अल्बर्ट भी सेना में भर्ती हो. अल्बर्ट ने प्रारंभिक पढ़ाई गांव के ही सीसी पतराटोली व मिडिल स्कूल की. अल्बर्ट ने 2 साल तक नौकरी की तलाश भी की लेकिल उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली. इसके बाद वो भारतीय सेना में शामिल हुए. 20 वर्ष की उम्र में अल्बर्ट ने 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध में अपनी बुद्धि और बहादुरी का लोहा मनवाया था.
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