Jharkhand Politics: झारखंड कांग्रेस के पूर्व महासचिव आलोक दुबे ने अपने और पार्टी के अन्य नेताओं के निलंबन पर सोमवार को बड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे बदले के नियत से की गई बताया है. अलोक दुबे ने सोमवार को कहा कि ये निलंबित कर सकते हैं लेकिन हमारे खून में कांग्रेस पार्टी है. मुझे आजीवन भी कांग्रेस पार्टी से बाहर कर दें लेकिन हम कांग्रेस पार्टी में ही रहेंगे.अगर हमने कुछ सवाल खड़े किए हैं तो कार्रवाई करने से पहले हमें एक मौका दिया जा सकता था.
आलोक दुबे ने कहा कि अगर 18 महीने में हमने कुछ सवाल खड़े किए हैं तो आप अनुशासत्मक कार्रवाई करने के पहले एक मौका दे सकते थे. ऐसा नहीं है कि आप हमसे मिलते नहीं रहे हैं या हमसे दूर रहे हैं. उन्होंने व्यक्तिगत प्रतिशोध निकालने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हमने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक अपनी बात पहुंचाई है.
झारखंड कांग्रेस ने अपने चार नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया है. पार्टी ने राज्य के महासचिव आलोक दुबे और डॉ.राजेश गुप्ता समेत 4 नेताओं को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है. कुछ महीने पहले अनुशासन समिति ने राज्य नेतृत्व के खिलाफ गतिविधियों के आरोप में आलोक दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता और साधु शरण गोप को निलंबित करने की सिफारिश की थी.
बता दें कि पार्टी का अनुशासन तोड़ने के चलते इन नेताओं पर पार्टी ने सख्त कार्रवाई की है. झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता रहे लालकिशोर नाथ शहदेव, आलोक दूबे और राजेश गुप्ता ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर कार्यकर्ताओं की बात न सुनने का आरोप लगाया था. इससे पहले प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने पार्टी कार्यकर्ताओं को तमाम नियम और मर्यादाएं समझाई थी.
पार्टी प्रभारी अविनाश पांडेय ने पार्टी कार्यकर्ताओं को किसी भी पदाधिकारी के खिलाफ सार्वजनिक मंच से बयानबाजी न करने या आरोप न लगाने की सलाह दी थी. समिति की तरफ से चेतावनी दी गई थी कि पार्टी का अनुशासन तोड़ने वाले नेताओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके बावजूद जब महासचिव आलोक दुबे और डॉ.राजेश गुप्ता समेत 4 नेताओं ने अनुशासन तोड़ा तो अनुशासन समिति ने पार्टी के आगे इन्हें निलंबित किए जाने की मांग रखी जिसके बाद अब पार्टी ने आलोक दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता और साधु शरण गोप को 6 साल का निलंबन नोटिस जारी कर दिया है.
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