झारखंड विधानसभा चुनाव पर BJP की भविष्यवाणी, 'हेमंत सोरेन और इंडिया गठबंधन...'
Jharkhand Politics: नेता प्रतिपक्ष ने 26 जुलाई को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले बताया कि उनकी पार्टी किन मुद्दों को उठाएगी. विपक्ष ने दावा किया कि हेमंत सोरेन दोबारा सरकार नहीं बना पाएंगे.
Jharkhand News: झारखंड में विधानसभा का सत्र कल यानी 25 जुलाई से शुरू होने वाला है. सत्र के दौरान विपक्षी बीजेपी ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बौरी ने कहा कि हेमंत सोरेन और इंडिया गठबंधन की सरकार का यह आखिरी सत्र और आखिरी विधानसभा भी है. अमर बौरी ने कहा कि वे जीतकर वापस नहीं आने वाले हैं.
अमर बौरी ने कहा, '' 2019 के विधानसभा चुनाव में जो वादे किए हैं उसे तोड़ा है. लोगों की संवेदनाओं के साथ भी खेला है. वायदाखिलाफी तो ठीक है आश्वासन देकर उसकी मर्यादा भंग करना तक तो ठीक है लेकिन जिस तरह से लाठियां और गोलियां चलाने पर अड़ी हुई है सरकार, साफ दिखलाती है कि सरकार बहुत अलोकप्रिय और झूठ बोलने वाली सरकार है.''
इन मुद्दों पर घेरने की हो रही तैयारी
अमर बौरी ने कहा, ''यह झारखंड विधानसभा का अंतिम सत्र है. हम इस सत्र में उन तमाम भूले वादों को याद दिलाएंगे, चाहे कानून-व्यवस्था, जितने भी इन्होंने तानाशाही रवैया अपनाकर सहायक पुलिसकर्मी, पैरा शिक्षक पर लाठियां बरसाने का काम किया है. लूट मचाया है. झारखंड को पीछे किया है. झारखंड को भ्रष्टाचार में नंबर वन राज्य बना दिया है. इन सारे विषयों में विधानसभा में सरकार से जवाब मांगेंगे और विधायक दल की बैठक में बात करेंगे.''
VIDEO | "The upcoming session (of Jharkhand Assembly) is going to be the last session of the Hemant Soren-led INDI alliance government. They are not going to return to power. They made several promises in run-up to the 2019 (Assembly polls), but haven't fulfilled them. They have… pic.twitter.com/f7zfypBIke
— Press Trust of India (@PTI_News) July 25, 2024
दूसरों के कार्य का श्रेय लेते हैं सीएम सोरेन- अमर बौरी
अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के लोगों को वापस लाए जाने के मुद्दे पर सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था. इस पर भी अमर बौरी ने प्रतिक्रिया दी है. अमर बौरी ने 'एक्स' पर लिखा कि ''राज्य के मुख्यमंत्री जी अगर थोड़ा भी संवेदनशील और कार्यशील होते तो पिछले 5 वर्षों के अपने कार्यकाल में झारखंड के पलायन की समस्या को रोकने हेतु कोई निर्णायक कदम जरूर उठाते परंतु आज हेमंत जी और उनकी सरकार अपनी घोर अकर्मण्यता को छुपाने हेतु अपने दायित्वों से भाग रहे हैं और दूसरों के कार्यों का श्रेय लेने के लिए कूद रहे हैं.''
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