Jharkhand Politics News: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह चंपाई सोरेन (Champai Soren) की मुखबिरी किया करते थे. हिमंत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक सप्ताह पहले चंपाई सोरेन दिल्ली गए थे, उस वक्त उन्होंने तीन दिन दिल्ली में बिताया था, फिर दोबारा 26 अगस्त को वे दिल्ली गए थे. तब झारखंड स्पेशल ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टर उनकी मुखबिरी करने उनके साथ दिल्ली गए थे. उनको चंपाई सोरेन के पीछे लगा दिया गया था. इसका खुलासा तब हुआ जब चंपाई सोरेन दिल्ली के ताज होटल में रुके थे और दो लोग उनकी तस्वीर खींच रहे थे.
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जब चंपाई सोरेन के लोगों ने उनको पकड़ा तो उन्होंने खुद को मीडिया बताया. चंपाई सोरेन ने उनको देखकर कहा कि ये दोनों उनके साथ फ्लाइट में भी मौजूद थे, तब उन्हें पकड़कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया. चंपाई सोरेन ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया, जिसमें लिखा कि ये दोनों कलकता से उनकी फ्लाइट में थे और उनके होटल के कमरे के नजदीक की कमरा भी बुक करवाया है, जिसके बाद उन्होंने खुद को स्पेशल ब्रांच का सब-इंस्पेक्टर बताया और कहा कि पिछली बार भी जब चंपाई सोरेन दिल्ली आए थे, तब हम दोनों भी साथ थे.
असम के सीएम ने कहा कि झारखंड में भी जहां जाते थे, उनको ट्रैक करने का काम हम करते थे, उन्होंने बताया कि उनको आदेश मिला था कि वे चंपाई सोरेन पर नजर रखें. जब पूछा गया कि किसके आदेश पर तुमलोग पीछा कर रहे हो तो उन्होंने बताया कि हमारे उच्च अधिकारी प्रभात कुमार ने उनको आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि उन दोनों की तस्वीर और नाम उनके पास हैं, लेकिन वे उनका नाम नहीं लेगे.
फोन भी हो सकता है टैप- हिमंत बिस्वा सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि चंपाई सोरेन ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था, तब भी एक कैबिनेट सहयोगी के साथ ऐसा व्यवहार समझ के परे हैं. उन्होंने संशय जताया कि जब उनके पीछे दो लोगों को दिल्ली भेजा जा सकता है तो उनका फोन भी टैप किया जा सकता है. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पत्र जारी कर कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से स्पेशल ब्रांच को चंपाई सोरेन के साथ लगाया गया था.
झारखंड पुलिस ने दी यह सफाई
पत्र में कहा गया है कि मीडिया में समाचार प्रसारित किया जा रहा है कि ये दोनों किसी विशेष व्यक्ति पर नजर रख रहे थे, जबकि अधिकारी सुरक्षा का दृष्टि से प्रतिनियुक्त किए गए थे. इस संबंध में तमाम जांच एजेंसियों को जानकारी उपलब्ध करा दी गई है वस्तु स्थिति स्पष्ट हो जाने के बाद दोनों पदाधिकारी को मुक्त कर दिया गया है.
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