Jharkhand Politics News: झारखंड के साहिबगंज जिला में अवैध खनन मामले में ईडी से फरार चल रहे साहिबगंज के आरोपी दाहू यादव को लेकर बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर सरकार पर एक बार फिर से सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. दरअसल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, 'हेमंत सरकार उनके ट्वीटर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि जब भी वे दाहू यादव के आतंक से जुड़े मामलों की चर्चा करते हैं तो सरकार अपनी पुलिस को इसके खोज में लगा देती है. सरकार इनको खोजबीन करने का नाटक करने का आदेश देती है और दाहू यादव को पकड़ने का मॉकड्रिल का काम शुरू हो जाता है, मगर इससे कुछ होता नहीं है.'


बाबूलाल मरांडी ने आगे बताया है कि, 'अब इस राज्य की पुलिस से कुछ नहीं होगा. वो इनके हाथ नहीं आएगा, अगर दाहू यादव को पकड़ना है तो केंद्रीय जांच एजेंसियों के मदद से ही उसे पकड़ा जा सकता है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अब नया स्लोगन बनाया है "प्रण है हमारा...हेमंत दोबारा" पर बाबूलाल मरांडी ने चुटकी लेते हुए कहा है कि, झामुमो का असली प्रण क्या है झारखंड को लूटने का, बिचौलियों को पूजे जाने का, राजस्व की चोरी का, अवेध तरीके से कोयला, बालू,पहाड़ बेचने का,धनउगाही का, जनता को लूटने का, माफियाओं को पालने का, झारखंड जैसे राज्य को खंडहर बनाने का या बर्बादी का इतिहास लिखने का?'






 पुलिस पर उठाया सवाल


इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी ने गढ़वा में अवैध बालू उठाव और तस्करों को पकड़ने गई सीओ की टीम पर हमले की घोर निंदा की है. उन्होंने कहा है कि जब प्रेस के द्वारा सीओ से सवाल किया गया कि पुलिस को साथ क्यों नहीं रखा गया तो सीओ ने बताया कि अगर पुलिस को साथ लेकर जाता तो इंफॉर्मेसन लीक हो सकती थी. बाबूलाल ने कहा कि अब अधिकारियों को ही अपनी पुलिस पर भरोसा नहीं रहा. इस कारण यह अधिकारी अपनी जान जोखिम में डालकर माफियाओं को पकड़ने जाते हैं. बाबूलाल मरांडी के मुताबिक यह सही है क्योंकि अपराधियों और पुलिस में गजब का साठ गांठ है. इस कारण आज ईमानदार अधिकारी भी पुलिस से खुफिया जानकारी शेयर नहीं करते हैं. साहिबगंज में भी यही हो रहा है जिस कारण दाहू यादव अपने साम्राज्य का विस्तार कर रहा है. 


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