(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
New Parliament Inauguration: बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- 'अगर इतनी ही चिंता थी तो कुत्सित...'
Jharkhand: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने से रोकने का कांग्रेस ने कुत्सित प्रयास किया. इसीलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस का आदिवासी प्रेम मात्र ढकोसला, पाखंड और छलावा है.
New Parliament Building: दिल्ली में रविवार सुबह नए संसद भवन का पीएम मोदी (Narendra Modi) ने उद्घाटन किया, लेकिन सत्ताधारी पार्टी बीजेपी (BJP) और विरोधी दलों के नेताओं के बीच जारी सियासी घमासान अभी तक थमा नहीं है. ऐसे में झारखंड के बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रहे हैं.
बता दें कि, एक बार फिर बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, 'दो दिन पहले मैंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी को आदिवासियों की इतनी चिंता है तो उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी महिला के विरुद्ध उम्मीदवार क्यों उतारा? इसपर कई लोगों ने कहा कि यह तो संवैधानिक व्यवस्था है और चुनाव तो होता ही है इसमें क्या है?'
दो दिन पहले मैंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी को आदिवासियों की इतनी चिंता है तो उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी महिला के विरुद्ध उम्मीदवार क्यों उतारा?इसपर कई लोगों ने कहा कि यह तो संवैधानिक व्यवस्था है और चुनाव तो होता ही है इसमें क्या है?
— Babulal Marandi (@yourBabulal) May 29, 2023
यह जवाब देने वाले शातिर लोग…
'कांग्रेस का आदिवासी प्रेम सिर्फ पाखंड है'
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि, 'यह जवाब देने वाले शातिर लोग हैं, वे चतुराई से बात को घुमा रहे हैं. सवाल चुनाव का है ही नहीं, सवाल है प्रतिबद्धता का, सामाजिक भागीदारी, न्याय, अधिकार और अवसर का. देश के इतिहास में अब तक कोई आदिवासी समाज का प्रतिनिधि राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर नहीं बैठा, अगर कांग्रेस वास्तव में आदिवासी हितों की रक्षा के लिए चिंतित है तो एक आदिवासी के विरुद्ध उम्मीदवार क्यों दिया? राजनैतिक मर्यादाएं कहां गईं?'
'आप जब आदिवासियों का सशक्तिकरण चाहते हैं, उनकी सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी चाहते हैं तो उन्हें व्यवस्था का हिस्सा बनाइये या उनकी मदद कीजिए, लेकिन एक आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने से रोकने का कांग्रेस ने कुत्सित प्रयास किया. इसीलिए मैं कहता हूं कि कांग्रेस का आदिवासी प्रेम मात्र ढकोसला, पाखंड और छलावा है.'
'कांग्रेस पार्टी ने हमेशा राष्ट्रीय प्रतीकों से जुड़े मुद्दे का विरोध किया'
वहीं इससे पहले पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने लिखा था कि,'कांग्रेस पार्टी ने सदैव राष्ट्रीय प्रतीकों और स्वाभिमान से जुड़े मुद्दों पर विरोध की राजनीति की है. आज जब भूल सुधार कर देश का वास्तविक इतिहास लिखा जा रहा है, तब नेहरू के शिष्य इसे कैसे सहन करेंगे? लेकिन, वे याद रखें यह नया भारत है. प्रधानमंत्री की अगुवाई में भारतीय सांस्कृतिक विरासत को सहेजा जा रहा है और हमारे गौरवपूर्ण इतिहास गाथा से दुनिया का साक्षात्कार कराया जा रहा है. राष्ट्रवादी विचारों की पाठशाला से निकले प्रधानमंत्री के लिए भारतीय दर्शन, परंपरा, गौरवशाली इतिहास और भारत का वैभव ही उनकी धरोहर है.'