New Parliament Building: नए संसद भवन का पहला वीडियो देख गदगद हुए बाबूलाल मरांडी, ट्वीट करते हुए कह दी ये बात
New Parliament Inauguration: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, भारत की विकास गाथा का प्रतिबिंब नया संसद भवन है. आइये, हम सभी इस राष्ट्रीय उत्सव में सहभागी बनकर "नए भारत" के यज्ञ में अपनी आहुति दें.

Parliament Building Inauguration: इन दिनों देश में 28 मई को पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस (Congress) समेत 20 दलों ने इस कार्यक्रम के बहिष्कार का एलान किया है, जिसके बाद बीजेपी (BJP) विरोधी दलों पर हमलावर है. ऐसे में झारखंड के बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने नए संसद भवन को भावी पीढ़ियों को लिए उपहार बताया है.
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, 'भारत के लोकतंत्र के नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं का केंद्र है नया संसद भवन, भारत की भावना है नया संसद भवन. हमारी भावी पीढ़ियों को उपहार है नया संसद भवन, भारत की विकास गाथा का प्रतिबिंब है नया संसद भवन. आइये, हम सभी इस राष्ट्रीय उत्सव में सहभागी बनकर "नए भारत" के यज्ञ में अपनी आहुति दें.'
भारत के लोकतंत्र के नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है।देशवासियों की आशाओं - आकांक्षाओं का केंद्र है नया संसद भवन, भारत की भावना है नया संसद भवन।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) May 26, 2023
हमारी भावी पीढ़ियों को उपहार है नया संसद भवन, भारत की विकास गाथा का प्रतिबिंब है नया संसद भवन।
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झामुमो ने किया विरोध
बता दें कि, नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम के समय तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को न बुलाने और अब उद्घाटन के समय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को न बुलाने को झामुमो ने बीजेपी का आदिवासी और दलित विरोधी चरित्र बताया है. वहीं कांग्रेस भी इस मुद्दे पर बीजेपी को निशाने पर ले रही है.ऐसे में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर झारखंड में हो रही राजनीति को बकवास बताते हुए बीजेपी के सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि, कांग्रेस और झामुमो आज खुद को आदिवासियों का हितैषी बता रही है, उन्होंने आजादी के 75 साल में पहले किसी आदिवासी को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया?
27 मई की बैठक का एजेंडा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 मई को नीति आयोग के संचालन परिषद की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे. बैठक में मुख्य रूप से देश को 2047 तक विकसित देश बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचा विकास समेत कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और केन्द्रीय मंत्री शामिल होते हैं. हालांकि, बैठक में इस बार विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्री हिस्सा नहीं लेंगे जिनमें ममता बनर्जी, भूपेश बघेल, सुखविंदर सिंह सुक्खू, सिद्धारमैया, के चंद्रशेखर राव, भगवंत मान और अशोक गहलोत जैसे नेता शामिल हैं.
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