Jharkhand: बाबूलाल मरांडी को BJP ने क्यों बनाया झारखंड का प्रदेश अध्यक्ष? यहां समझें रणनीति
Babulal Marandi News: झारखंड के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी को साफ सुथरी छवि वाला नेता माना जाता है. वे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं और मौजूदा समय में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं.
Jharkhand BJP President: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सांगठनिक बदलाव किया है. इसी के तहत झारखंड के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी गई है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना, सुनील जाखड़ को पंजाब और पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया है. झारखंड में मौजूदा वक्त में महागठबंधन की सरकार है और बीजेपी उस पर हमलावर है. मरांडी को कमान देने के पीछे बीजेपी की अपनी रणनीति है.
बाबूलाल मरांडी को क्यों दी गई कमान?
- ट्राइबल के काटने के लिए ट्राइबल नेता को बनाया प्रदेश अध्यक्ष.
- हेमंत सोरोन की काट माना जा रहा है.
- संथाल इलाके में जहां विधानसभा की 20 से ज्यादा सीटें है वहां जेएमएम का गढ़ है. इस गढ़ को तोड़ने के लिए मरांडी को कमान दी गई है.
- बाबूलाल मारंडी की कर्मभूमि संथाल परगना है.
- लोकसभा चुनाव में उन्होंने शिबू सोरेन को हराया था.
- झारखण्ड के साफ सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं.
बाबूलाल मरांडी मौजूदा समय में राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. झारखंड के पहले मुख्यमंत्री मरांडी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दीपक प्रकाश की जगह लेंगे. मरांडी को राजनीति का लंबा अनुभव है. ऐसे में पार्टी उनके अनुभव का फायदा चुनाव में उठाना चाहती है. अगले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. झारखंड में बीजेपी के नेता मोदी सरकार के नौ साल की उपलब्धियों को गिना रहे हैं. वहीं बाबूलाल मरांडी राज्य की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. वे सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते. सोशल मीडिया पर एक्टिव बाबूलाल मरांडी हर मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं.
बीजेपी से अलग होकर राजनीति कर चुके बाबूलाल मरांडी को झारखंड में नेता प्रतिपक्ष चुना गया था. 2006 में बीजेपी से अलग होकर उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी लेकिन 14 सालों बाद 2020 में वो दोबारा से बीजेपी में शामिल हो गए.