Jharkhand Politics: सुभाष मुंडा की हत्या पर CM सोरेन पर भड़के बाबूलाल मरांडी, कहा- 'सत्ताधारी लोग अपराधियों से लेवी-चंदा लेंगे तो...'
Ranchi: बाबूलाल ने कहा कि, एक तरफ एक्सीडेंटल राजकुमार कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए पुलिस के अधिकारियों को चेतावनी दे रहे हैं और दूसरी ओर सुभाष मुंडा की सरेआम गोली मारकर हत्या कर देते हैं.
Jharkhand News: झारखंड के रांची (Ranchi) में आदिवासी नेता सुभाष मुंडा (Subhash Munda) की हत्या पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने सीएम हेंमत सोरेन (Hemant Soren) पर निशाना साधा है. बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, 'मुख्यमंत्री जी रांची महानगर में आये दिन आदिवासियों की जमीनों पर अवैध कब्जे की खबरें आती है. आदिवासी उत्पीड़न के सैकड़ों मामले आते रहते है. कल भी एक आदिवासी नेता की हत्या कर दी गई. क्या पूरे रांची महानगर में थाना प्रभारी बनाने के लिए आपको एक भी आदिवासी पुलिस ऑफिसर नहीं मिला? या फिर आदिवासी पुलिस ऑफिसर आपके “सीएम हाउस कमांड पेड ट्रांसफर पोस्टिंग सिस्टम” के शिकार है?'
वहीं दूसरे ट्वीट में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, 'जब राजधानी रांची की पुलिस व्यवस्था और सिपाही, दारोगा से लेकर ऊपर तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा “इंटू-चिंटू” जैसे अयोग्य और अज्ञानी लोगों के डायरेक्क्शन पर चलेगा, उग्रवादियों की तरह सत्ताधारी लोग असामाजिक तत्वों, अपराधियों से “लेवी-चंदा” लेंगे तो अपराध आखिर कैसे रूकेगा?'
जब राजधानी राँची की पुलिस व्यवस्था और सिपाही,दारोग़ा से लेकर उपर तक की ट्रांसफ़र-पोस्टिंग का धंधा “इंटू-चिंटू” जैसे अयोग्य और अज्ञानी लोगों के डायरेक्क्शन पर चलेगा, उग्रवादियों की तरह सत्ताधारी लोग असामाजिक तत्वों, अपराधियों से “लेवी-चंदा” लेंगे तो अपराध आख़िर कैसे रूकेगा?
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 27, 2023
अधिकारियों को चेतावनी के बाद भी अपराधी बेखौफ
आगे बाबूलाल मरांडी ने कहा कि, 'एक तरफ एक्सीडेंटल राजकुमार कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए पुलिस के अधिकारियों को चेतावनी दे रहे हैं और दूसरी ओर राजधानी रांची के अति व्यस्त इलाके दलादली चौक में अपराधी कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ चुके सुभाष मुंडा की सरे आम गोली मारकर हत्या कर देते हैं. यही है राजधानी रांची और पूरे झारखंड की कानून व्यवस्था की असलियत. जब तक घूसखोर पुलिस पदाधिकारियों को हटाकर तेजतर्रार अफसरों की नियुक्ति नहीं होगी, तब तक विधि व्यवस्था सुधरेगी नहीं. जब पुलिस का ध्यान अवैध खनन और राजनीतिक आकाओं के गलत और पूर्वाग्रह पूर्ण हुक्म की तामील करने में होगा तो विधि व्यवस्था की कौन पूछता है?'
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