Jharkhand News: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren)  को घेरा है. दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार की कैबिनेट बैठक में पूर्व सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों की संपत्ति की जांच एसीबी से कराने के निर्णय पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि,' इस प्रकार की जांच तो विभागीय मंत्री के आदेश से ही किया जा सकता है फिर इतने तामझाम से कैबिनेट में प्रस्ताव लाना राजनीतिक ड्रामेबाजी से अधिक कुछ नहीं है.'


बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि, 'बीजेपी जांच से नहीं भागती, लेकिन मुख्यमंत्री यदि इतना ही भ्रष्टाचार के खिलाफ संवेदनशील हैं तो उसकी शुरुआत अपने घर से ही करें. सोरेन परिवार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में लोकपाल की सुनवाई में हलफनामा देकर 108 संपत्ति की घोषणा की है. साथ ही न जाने कितने अघोषित सम्पत्ति जो अभी ईडी के छापों के दरम्यान पकड़े जाने की खबरें अखबारों में आ रही हैं. मुख्यमंत्री इस घोषित-अघोषित सभी संपत्तियों के श्रोत की जांच अपने ही सरकार के एसीबी से कराकर आदर्श प्रस्तुत करें.'






क्या है पूरा मामला? 
झारखंड कैबिनेट ने आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए भाजपा (BJP) सरकार में रहे पूर्व मंत्रियों अमर कुमार बाउरी, लुईस मरांडी, रणधीर सिंह, डॉ नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा के खिलाफ प्रारंभिक जांच दर्ज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पांचों पूर्व मंत्रियों पर पीई दर्ज करने को लेकर निगरानी विभाग को निर्देश दिया था. अब इन पांच पूर्व मंत्रियों से पूछताछ होगी. वहीं झारखंड सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच के आदेश देने के फैसले पर बीजेपी ने कहा कि, जब राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से निर्णय लिए जाते हैं तो यह संसदीय लोकतंत्र के लिए हानिकारक होता है. सरकार को पहले यह बताना चाहिए कि इन मंत्रियों पर क्या आरोप हैं. पिछली (भाजपा) सरकार के किसी भी मंत्री पर कोई आरोप नहीं था.


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