Jharkhand News: बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren) पर एक बार फिर से हमलावर हुए है. उन्होंने इंस्पेक्टर उमेश कच्छप के मौत के मामले में सरकार को घेरा है. बाबूलाल मरांडी ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि, इंस्पेक्टर उमेश कच्छप ने धनबाद के तोपचांची थाने में खुदकुशी कर ली थी और खुदकुशी करने से पहले उन्होंने अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी. फोन पर उन्होंने अपनी पत्नी को बताया था कि, कैसे उनकी तरह सीधे-साधे अफसर पर उनके सीनियर अधिकारियों के द्वारा एक चालक पर फर्जी केस कर रंगदारी मांगने वाले अफसरों को बचाने का दबाब डाला जा रहा है.


बाबूलाल ने सीधे तौर पर इल्जाम लगाया है कि, इसी वजह से उपेश कच्छप ने अपनी जान दे दी. जिसके बाद सीआईडी और फोरेंसिक की टीम ने भी प्राथमिक जांच में पुलिस अधिकारियों को दोषी माना था. मगर आदिवासियों के हित की बात करने वाली हेमंत सरकार आई तो उस आदिवासी अफसर की मौत की फाइल ही बंद करवा दी गई. साथ ही उन्होंने कहा कि एक सरकारी वकील द्वारा जांच बंद करवा देने की सलाह देकर एक अधिकारी जो सरकार का क्राइम पार्टनर बन चुका है, उसे बचाने का प्रयास किया गया है.  


सीएम CBI जांच की दें अनुमति
बाबूलाल ने हेमंत सोरेन को टारगेट करते हुए कहा है कि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आप इस घटना की जांच सीबीआई से करवाने की अनुमति क्यों नहीं देते हैं. जबकि उमेश कच्छप की बिटिया बिनीता अपने पिता की मौत का इंसाफ मांग रही है. साथ ही झारखंड हाई कोर्ट से सीबीआई जांच करवाने की गुहार लगा रही है. आप उस आदिवासी बच्ची की फरियाद क्यों नहीं सुन रहे हैं, क्यों उस बच्ची को न्यायालय का चक्कर लगाने पर मजबूर कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि हेमंत सोरेन आप अब तो आदिवासियों के हित में काम करें. कलम उठाकर उमेश कच्छप की मौत की जांच के लिये मामला सीबीआई को सौंप दें, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.








Jharkhand: ईडी ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से की पूछताछ, उग्रवादी नेता ने बताया पैसा कहां किया निवेश