Lok Sabha Elections 2024: झारखंड में लोकसभा चुनाव 2024 के तैयारियों के बीच एक नई हलचल देखने को मिल रही है. दरअसल, सोरेन कैबिनेट ने बीजेपी के पूर्व पांच मंत्रियों अमर कुमार बाउरी, रणधीर कुमार सिंह, नीरा यादव, लुईस मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा की आय से अधिक संपत्ति की जांच के आदेश दे दिए हैं. जिससे अब इन पांच पूर्व मंत्रियों की संपत्ति की जांच होगी. बता दें कि, ये मंत्री रघुवर दास के शासन काल में कैबिनेट मंत्री थे. वहीं कैबिनेट से फैसला पारित होने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अब हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने हेमंत सोरेन को कहा है कि, यह जांच सिर्फ और सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के जांच तो विभागीय मंत्री के आदेश से भी कराए जा सकते हैं तो इसके लिये इतना तामझाम क्यों कर रही है झारखंड सरकार? 


बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि, इस तरह से कैबिनेट में प्रस्ताव लाना किसी ड्रामेबाजी से कम नहीं है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, सरकार अगर जांच करवाना चाहती है तो शौक से करवाए बीजेपी ऐसे जांच से न कभी घबराई थी न आगे कभी घबराएगी. मगर मुख्यमंत्री भष्टाचार को लेकर इतने ही संवेदनशील हैं तो उन्हें इसकी शुरुआत अपने घर से ही करने की जरूरत है. बाबूलाल ने हेमंत सोरेन पर हमला करते हुए आगे कहा कि, सोरेन परिवार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में लोकपाल की सुनवाई में हलफनामा देकर 108 संपत्ति की घोषणा की है. साथ ही न जाने कितने अघोषित सम्पत्ति जो अभी ईडी के छापों के दरम्यान पकड़े जाने की खबरें अखबारों में आ रही हैं. 


सोरेन सरकार पर हमलावर हुए बाबूलाल
मुख्यमंत्री इस घोषित-अघोषित सभी संपत्तियों के श्रोत की जांच अपने ही सरकार के एसीबी से कराकर आदर्श प्रस्तुत करें. बाबूलाल ने आगे कहा है कि, जब नाव का मांझी ही अपनी नाव डुबोने पर जाए तो कोई भी उसे बचा नहीं सकता है. आज राज्य में रक्षक ही भक्षक बनकर घूम रहे हैं. रांची के  सीनियर पुलिस अधिकारी सड़कों पर घूम रहे हैं और अपराधी थाना संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि, आदिवासियों से घूस लेते रंगे हाथ पकड़ी गई चार्ज सीट और जमानत पर जेल से छूटे अपराधी मीरा सिंह को थानेदार बनाने की आखिर रांची एसएसपी को क्या थी या क्या मजबूरी थी?


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