Manipur Violence: झारखंड प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने मणिपुर घटना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की ओर से राष्ट्रपति को लिखे गये पत्र पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री थोड़ी और हिम्मत दिखायें और अपने पापों की पोटली भी खोलें. बाबूलाल मरांडी ने पूछा है कि झारखंड में जो महालूट हुई है, क्या उसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए सीएम केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे? संताल परगना में घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया है, क्या इस संबंध में जांच के लिए सीएम केंद्र सरकार को कहेंगे? आदिवासी समाज का अस्तित्व को बचाने के लिए क्या एनआरसी का समर्थन करेंगे हेमंत सोरेन? बंगाल में भी एक महिला के साथ दरिंदगी हुई है उस पर कंठ खोलेंगे?
इधर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी मामले में प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की घटना पर हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है, लेकिन उन्होंने झारखंड की घटनाओं का कोई जिक्र नहीं किया. झारखंड में रुबिका पहाड़िन के दिलदार ने टुकड़े-टुकड़े कर दिये. अंकिता को शाहरुख ने जिंदा जला दिया. दुमका में आदिवासी बच्ची की रेप के बाद हत्या कर पेड़ से लटका दिया गया. साहिबगंज में घर से उठा कर आदिवासी बच्ची से रेप किया गया. क्या झारखंड की बेटियों की चीत्कार हे सोरेन को सुनाई नहीं देती है?
सीएम ने पत्र लिख क्या कहा?
दरअसल, मणिपुर में जातीय समूहों के बीच जारी हिंसा के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि आप ही अंतिम उम्मीद हैं. सोरेन ने लिखा है कि मणिपुर और देश के सामने संकट की इस घड़ी में हम आपको आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रूप में देखते हैं. आप ही इस कठिन समय में लोगों को रोशनी दिखा सकती हैं. इस विकट परिस्थिति में आगे का रास्ता दिखाने, न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति व सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील करता हूं.
आदिवासी के साथ हो रहे बर्बर व्यवहार को रोकना होगा
हमें अपने साथी आदिवासी भाईयों और बहनों पर हो रहे बर्बर व्यवहार को रोकना होगा. मणिपुर को मरहम की जरूरत है. एक देश के रूप में हमें आगे आकर मदद करनी होगी. पत्र में सोरेन ने लिखा है कि दो माह से मणिपुर जल रहा है. बच्चों सहित 40 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो गये हैं, उन्होंने कहा कि कुछ निहित स्वार्थों की वजह से मौन समर्थन के साथ यह जातीय हिंसा बेरोकटोक जारी है, जो दुःखद है. सीएम ने लिखा है कि आदिवासी महिलाओं के साथ जिस तरह से बर्बरतापूर्ण व्यवहार हुआ, वह अत्यंत चिंतनीय और निंदनीय है. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.